हरियाणा सरकार के एक अधिकारी ने टोल टैक्स पर हुए कथित धोखाधड़ी के मामले में उपभोक्ता अदालत का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया है.उनका आरोप है की टोल चार्ज के रूप में उनके फास्टैग अकाउंट से 65 रुपये काट लिए गए , जबकि उनकी गाड़ी चंडीगढ़ स्थित उनके घर पर खड़ी थी.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक सतबीर जांगरा हरियाणा सचिवालय के एक आला अधिकारी है, जिन्होंने बताया की उनकी गाड़ी के विंडस्क्रीन पर फास्टटैग लोगो लगा है, जो उनके अकाउंट से जुड़ा हुआ है.
उन्होंने बताया 30 दिसंबर को उनके मोबाइल पर मैसेज आया कि मानेसर टोल प्लाजा पर उनके आल्टो कार जिसका नंबर - K10 (CH01-AF2392) से 65 रुपये काट लिए गए.
“जब मुझे ये मैसेज मिला , मेरी कार चंडीगढ़ के सेक्टर 39 स्थित मेरे घर पर खड़ी थी, और फास्टैग स्टीकर मेरे कार पर अभी भी लगा था. शिकायत दर्ज करने के लिए मैंने हेल्पलाइन नंबर पर कॉल किया, मगर मैं उनके जवाब से संतुस्ट नहीं हुं. अब मैंने फैसला किया है की मैं उपभोक्ता अदालत जाऊंगा , इस मामले में मैंने एक वकील से भी बात की है. ये बात 65 रुपये का नहीं है , ये एक फ्रॉड है जो किसी के साथ हो सकता है.”सतबीर जांगरा
क्या है यह फास्टैग?
ये एक प्रीपेड रिचार्जेबल टैग है जिससे टोल टैक्स लिया जाता है. इसे निश्चित समय अवधि के बाद रिचार्ज कराना होगा. फास्टैग को मोटर वाहनों के विंडस्क्रीन पर लगाया जाता है. वाहन पर इस टैग के लगे रहने से नेशनल हाईवे टोल प्लाजा पर फास्टैग लेन से गाड़ियों को बिना रुके निकाला जा सकता है. टोल प्लाजा पर लगे कैमरे फास्टैग को स्कैन कर लेगी और टैक्स आपके अकाउंट से अपने आप ही कट जाएगी.
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