आन्ध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) में लगातार बारिश और बाढ़ का कहर जारी है. अबतक प्रदेश में 31 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. पूरे प्रदेश में यातायात व्यवस्था पूरी तरह से ठप है. सड़कों और रेलवे ट्रैक पर पानी आ जाने के कारण ट्रेन बंद रहीं और रोड पर भी वाहनों की आवाजाही बंद है. पेन्ना नदी (Penna River) ने उफान पर होने के कारण भारी तबाही मचा रखी है.
बांध टूटने से बड़ी मुसीबत
बाढ़ की तबाही की वजह से चेन्नई-कोलकाता नेशनल हाईवे -16 को एसपीएस नेल्लोर जिले में पडुगुपाडु और कोवरु में भारी दरारों के बाद यातायात के लिए बंद करना पड़ा. नेल्लोर और विजयवाड़ा के बीच यातायात को निलंबित कर दिया गया है, जिससे सैकड़ों वाहन दोनों तरफ तक फंसे हुए हैं. चेन्नई ग्रैंड ट्रंक रेल मार्ग भी यातायात के लिए बंद रहा.
बाढ़ की वजह से नेल्लोर के पास पादुगुपाडु में रेल ट्रैक क्षतिग्रस्त होने के बाद 100 से अधिक एक्सप्रेस ट्रेनों को रद्द कर दिया गया था. दक्षिण मध्य रेलवे ने बताया कि 29 और ट्रेनों को अन्य मार्गों से डायवर्ट किया गया है.
मंडापल्ली गांव में दो परिवार पूरी तरह से बर्बाद हो गए, क्योंकि बाढ़ के प्रकोप में कुल सात लोग मारे गए थे और एक अन्य परिवार ने अपने दो लोगों को खो दिया.
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कहा कि एसपीएस नेल्लोर जिले के सोमसिला जलाशय से दो लाख क्यूसेक से अधिक बाढ़ का पानी बह गया, जिससे बाढ़ आ गई.
कडप्पा के जिला कलेक्टर विजया रामा राजू ने न्यूज एजेंसी पीटीआई के हवाले से कहा,
“नदी का मार्ग बदल गया लेकिन बांध का टूटना ही वास्तविक विनाश का कारण बना. हमने अभी भी करीब 600 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया है. यह एक बड़ी आपदा थी, जिसके पैमाने की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी."विजया रामा राजू
इस बीच ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि प्रशासन द्वारा घोर कुप्रबंधन के कारण तबाही हुई. उन्होंने आगे कहा कि प्रशासन ने जनता को खतरे से आगाह नहीं किया, और उनकी ओर से कोई मदद भी नहीं की गई.
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