बिहार में गंगा के जल स्तर में हो रही वृद्धि से जहां कई इलाकों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है, वहीं गंडक के एक बार फिर उफान पर आने से कई क्षेत्रों में घट रहा बाढ़ का पानी फिर से फैलने लगा है. राज्य की प्रमुख नदियों के उफान पर रहने से 16 जिलों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है, जिससे 81 लाख से ज्यादा की आबादी प्रभावित है.
इस बीच, गंगा के जलस्तर में वृद्धि के बाद पटना सहित कई जिलों के निचले इलाकों में बाढ़ को लेकर अलर्ट जारी किया गया है.
बिहार राज्य जल संसाधन विभाग के एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि पटना के गांधी घाट और हाथीदह और भागलपुर के कहलगांव के पास गंगा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.
उन्होंने कहा कि बागमती के जल स्तर में कमी आई है हालांकि वो भी कटौंझा, बेनीबाद और हायाघाट में लाल निशान को पार कर गई है. बूढ़ी गंडक समस्तीपुर और खगड़िया में रौद्र रूप में है जबकि घाघरा नदी सीवान के दरौली और गंगपुर में खतरे के निशान से ऊपर है.
आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्र डू ने बताया कि बिहार के 16 जिलों के कुल 130 प्रखंडों की 1,311 पंचायतें बाढ़ से प्रभावित हुई हैं. इन क्षेत्रों में करीब 81.56 लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है.
उन्होंने कहा कि इन इलाकों में 10 राहत शिविर खोले गए हैं, जहां करीब 12 हजार से ज्यादा लोग रह रहे हैं. इसके अलावा उन्होंने बताया कि बाढ़ के दौरान इलाकों में विभिन्न घटनाओं में 25 लोगों की मौत हुई है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)