"बहुत भारी मन और गहरे मोहभंग के साथ मैंने बीजेपी से इस्तीफा देने का निर्णय लिया है. मैं राष्ट्र निर्माण में अपने प्रयासों में योगदान देने के लिए 25 साल पहले पार्टी में शामिल हुई थी. यहां तक कि मैंने अपने जीवन में जितनी भी चुनौतियों का सामना किया है, मैंने उस प्रतिबद्धता का सम्मान किया है. " ये वो शब्द हैं जो दिग्गज एक्ट्रेस और नेता गौतमी तडिमल्ला ने बीजेपी से इस्तीफा देते हुए अपने पत्र में लिखा.
'X' पर अपना पत्र पोस्ट करते हुए गौतमी तडिमल्ला ने बीजेपी चीफ जेपी नड्डा और तमिलनाडु इकाई के प्रमुख के अन्नामलाई और अन्य को टैग किया. उन्होंने यह कहते हुए बीजेपी छोड़ी कि वह एक अकल्पनीय संकट की स्थिति में हैं और ऐसे समय में उन्हें अपनी पार्टी और उसके नेताओं का कोई समर्थन नहीं है और वे इसके बजाय उस व्यक्ति का समर्थन कर रहे हैं जो उन्हें इस स्थिति में लेकर आया है.
दरअसल, गौतमी तडिमल्ला बीजेपी से 25 सालों से जुड़ी थी और राज्य में एक मजबूत चेहरे को रूप में उनकी पहचान थी. वो साल 1997 में लाल कृष्ण आडवाणी के नेतृत्व में बीजेपी में शामिल हुई थी.
तडिमल्ला ने पार्टी के साथ अपने 25 साल के जुड़ाव को समाप्त करते हुए कहा कि राज्य में 2021 के विधानसभा चुनावों में उन्हें टिकट देने का आश्वासन पार्टी द्वारा अंतिम समय में “रद्द” करने के बावजूद, वह बीजेपी के लिए प्रतिबद्ध रहीं.
तडिमल्ला ने अपने इस्तीफे में क्या कहा?
गौतमी तडिमल्ला ने कहा, "आज मैं अपने जीवन में एक अकल्पनीय संकट बिंदु पर खड़ी हूं और मुझे पार्टी और नेताओं से कोई समर्थन नहीं है, बल्कि यह भी मेरी जानकारी में आया है कि उनमें से कई लोग सक्रिय रूप से उसी व्यक्ति की मदद और समर्थन कर रहे हैं, जिसने मेरे विश्वास को धोखा दिया है और मेरी जीवन भर की कमाई को खत्म कर दिया."
तडिमल्ला ने आगे कहा, "मैं 17 साल की उम्र से काम कर रही हूं और मेरा करियर सिनेमा, टेलीविजन, रेडियो और डिजिटल मीडिया में 37 साल तक फैला है. मैंने अपना पूरा जीवन काम किया है ताकि मैं इस उम्र में आर्थिक रूप से सुरक्षित रह सकूं और साथ ही अपनी बेटी का भविष्य भी संवार सकूं. मैं उस बिंदु पर हूं जहां मुझे और मेरी बेटी को स्थिर, सुरक्षित और सुरक्षित होना चाहिए था, और फिर भी मुझे यह जानकर बहुत डर लगा कि सी अलगप्पन ने मुझसे मेरे पैसे, संपत्ति और दस्तावेज ठग लिए हैं."
अलगप्पन ने मेरी असुरक्षा और अलगाव को देखते हुए लगभग 20 साल पहले मुझसे संपर्क किया था, क्योंकि मैं न केवल एक अनाथ थी, जिसने अपने माता-पिता दोनों को खो दिया था, बल्कि एक नवजात शिशु की मां भी थी. उसने एक देखभाल करने वाले बुजुर्ग व्यक्ति की आड़ में खुद को और अपने परिवार को मेरे जीवन में शामिल कर लिया. लगभग 20 साल पहले इसी स्थिति में मैंने उसे अपनी कई जमीनों की बिक्री और दस्तावेज सौंपे थे, और अभी हाल ही में मुझे पता चला कि उसने मेरे साथ धोखाधड़ी की है. यह सब करते हुए वह मुझे और मेरी बेटी को अपने परिवार के हिस्से के रूप में शामिल करने का नाटक कर रहा था.गौतमी तडिमल्ला
"अपनी मेहनत की कमाई, संपत्तियों और दस्तावेजों को वापस पाने के लिए, मैंने पूरे सम्मान और विश्वास के साथ हमारे देश के कानूनों, नियमों और प्रक्रियाओं का पालन किया है, जैसा कि प्रत्येक भारतीय नागरिक को करना चाहिए, कि मुझे न्याय मिलेगा. मैंने अपने मुख्यमंत्री, अपने पुलिस विभाग और अपनी न्यायिक प्रणाली पर पूरा भरोसा करते हुए कई शिकायतें दर्ज की हैं, लेकिन मुझे लगता है कि यह प्रक्रिया बेवजह लंबी खिंच रही है."
"अंतिम समय में पार्टी ने नहीं दिया विधानसभा का टिकट"
उन्होंने कहा, "तमिलनाडु विधानसभा चुनावों 2021 के दौरान, मुझे बीजेपी की तरफ से राजपालयम निर्वाचन क्षेत्र के विकास का काम सौंपा गया था और साथ ही इस सीट से चुनाव लड़ने का आश्वासन भी दिया था. मैंने खुद को राजपालयम के लोगों और जमीनी स्तर पर बीजेपी को मजबूत करने के लिए समर्पित कर दिया. हालांकि, चुनाव लड़ने का यह आश्वासन अंतिम समय में रद्द कर दिया गया था. बावजूद इसके, मैंने पार्टी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता बरकरार रखी."
हालांकि, पार्टी के प्रति 25 वर्षों की दृढ़ निष्ठा के बाद भी, यह जानकर दुख होता है कि समर्थन की पूरी कमी है और इसके अलावा बीजेपी के कई वरिष्ठ सदस्य अलगप्पन को न्याय से बचने और FIR दर्ज होने के बाद भीपिछले 40 दिनों से फरार होने में सक्षम बना रहे हैं.गौतमी तडिमल्ला
तडिमल्ला को न्याय की उम्मीद
उन्होंने कहा, "मुझे अभी भी उम्मीद है कि मेरे मुख्यमंत्री, मेरा पुलिस विभाग और मेरी न्यायिक प्रणाली प्रबल होगी और मुझे वह न्याय देगी जो मैं चाहती हूं."
तडिमल्ला ने कहा, "मैं आज यह त्याग पत्र अत्यंत पीड़ा और दुख में, लेकिन बहुत दृढ़ संकल्प के साथ लिख रही हूं. मैं एक अकेली महिला और एकल माता-पिता के रूप में अपने और अपने बच्चे के भविष्य के लिए न्याय की लड़ाई लड़ रही हूं."
तडिमल्ला बीजेपी युवा मोर्चा की उपाध्यक्ष रह चुकी हैं. उन्होंने आंध्र, कर्नाटक और तमिलनाडु में अटल बिहारी वाजपेयी के लिए बड़े पैमाने पर प्रचार किया था. हालांकि, बेटी के जन्म के बाद उन्होंने राजनीति से ब्रेक ले लिया था लेकिन वह 2017 में बीजेपी में वापस आ गईं.
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