पुलिस से जुड़ी खामियों को अक्सर गिनाने वाले यूपी के आईपीएस ऑफिसर अमिताभ ठाकुर को केंद्र सरकार ने तत्काल प्रभाव से रिटायर करने का आदेश दिया है. इस आदेश के मुताबिक, 'अमिताभ ठाकुर को लोकहित में सेवा में बनाए रखे जाने के उपयुक्त नहीं पाया गया है'. अब क्विंट हिंदी से बातचीत में अमिताभ ठाकुर कहते हैं कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है, ऐसे में वो आदेश की वैधता की जांच कर रहे हैं और फैसले को चुनौती भी दे सकते हैं. अमिताभ ठाकुर के रिटायरमेंट में करीब साढ़े सात साल का वक्त बाकी था.
अब मैं एक रिटायर्ड IPS ऑफिसर हूं. जो भी केंद्र सरकार ने आदेश दिया है अब मैं उस आदेश को देखूंगा और उसकी वैधता की जांच करूंगा. मैं निश्चित रूप से ये देखूंगा कि ये कानून के हिसाब से कितनी सही हैं, अगर इसमें मुझे करेक्शन की जरूरत लगती है तो मैं चुनौती दूंगा, उचित फोरम में जाऊंगा.अमिताभ ठाकुर
अमिताभ ठाकुर का कहना है कि ये सरकार को बताना चाहिए कि आखिर ये फैसला क्यों लिया गया है? बता दें कि अमिताभ ठाकुर और उनकी पत्नी नूतन ठाकुर यूपी की अलग-अलग सरकारों के दौरान हुए भ्रष्टाचार, घोटाले के कई मामलों में भी अपनी बात रखते आए हैं. अमिताभ ठाकुर का कहना है कि उन्होंने कभी सरकार की नीतियों या सरकार की आलोचना नहीं की.
अगर सरकार बताना चाहे तो सरकार को ये बताना चाहिए कि ये फैसला क्यों लिया गया? मेरे हिसाब से मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है, मैंने सरकार या सरकार की नीतियों की कभी आलोचना नहीं की, मैं सिर्फ उन अधिकारियों की खामियों को प्वाइंट आउट करता था, जो उचित दायरे में रहकर काम नहीं करते थे.अमिताभ ठाकुर
लोगों के लिए काम करता रहूंगा- अमिताभ ठाकुर
'रिटायर्ड' IPS अमिताभ ठाकुर का कहना है कि वो पुलिस में भी रहकर लोगों के लिए काम करते थे. अब बतौर एक्टिविस्ट काम करेंगे. अमिताभ मौजूदा समय में आईजी सिविल डिफेंस के तौर पर लखनऊ में तैनात थे, उनका कहना था कि इस पोस्टिंग को लोग 'साइड पोस्टिंग' के तौर पर भी जानते हैं. अमिताभ ठाकुर बोकारो के रहने वाले हैं. बीटेक ग्रेजुएट और IIM लखनऊ के फेलो रहे अमिताभ ठाकुर 1992 बैच के आईपीएस ऑफिसर हैं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)