आजादी की 75वीं वर्षगांठ उत्सव के मौके पर मोदी सरकार ने "हर घर तिरंगा" की मुहिम छेड़ी है. जिसके तहत जहां सड़कों पर शासन-प्रशासन तिरंगा रैली निकाल रहा है वहीं घर-घर तिरंगा नजर आने लगा है. लोगों को तिरंगा खरीदने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. लेकिन कई जगहों से ऐसी खबरें भी सामने आ रही हैं जहां प्रशासन पर यह आरोप लग रहा है कि वह जबरदस्ती आम लोगों को झंडा खरीदने के लिए मजबूर कर रहा है. ऐसा ही कुछ उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ और उन्नाव जिले में देखने को मिला.
अलीगढ़
अलीगढ़ में देखने को मिला है कि सरकार की ओर से राशन की दुकानों से मिलने वाले मुफ्त राशन के साथ तिरंगा झंडा खरीदने के लिए प्रशासन के आदेशासनुसार राशन डीलर की ओर से गरीब कार्ड धारकों को तिरंगा खरीदने के लिए मजबूर किया जा रहा है.
मुफ्त राशन के साथ तिरंगा झंडा खरीद कर लाये कार्ड धारक परिजन अरुण कुमार का कहना है कि वह जब राशन डीलर से राशन लेने गए तो वहां राशन के साथ एक झंडा दिया. तिरंगे झंडे के एवज में ₹21 लिए गए.
उन्होंने आगे कहा कि सरकार की यह अच्छी पहल है लेकिन सरकार जब राशन फ्री का बांट रही है तो झंडा भी मुफ्त उपलब्ध करा दे. क्योंकि गरीब लोग इस तरह से कैसे करेंगे. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि जो झंडा राशन की दुकान से ₹21 में दिया गया है, उसकी कीमत अधिक प्रतीत हो रही है.
राशन वितरण केंद्र पर एक रजिस्टर मेंटेन किया गया है. जिसमें झंडा राशन व झंडा प्राप्त करने वाले नाम के आगे हस्ताक्षर कराए गए हैं. अलीगढ़ जिले के विजयगढ़ में स्थित एक राशन की दुकान पर मौजूद रजिस्टर से यह जानकारी प्राप्त हुई है. रजिस्टर से यह बात भी स्पष्ट हो रही है कि किन-किन कार्ड धारकों ने झंडा खरीदकर उसके बदले ₹21 राशन दुकान स्वामी को सौंपी है. जिन्होंने ₹21 दुकानदार को दिए हैं उनके नाम के आगे हस्ताक्षर लिए जा रहे हैं.
सोशल मीडिया पर अलीगढ़ के रामघाट रोड के पास क्वार्सी इलाका स्थित चंदनिया मोहल्ले का वीडियो वायरल हुआ है. जिसमें किसी राशन कार्ड धारक द्वारा राशन गल्ला स्वामी का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया गया. वीडियो में दुकानदार से मुफ्त में दिए जा रहे राशन के साथ तिरंगा झंडा वितरण के नाम पर ₹10-10 वसूलने का आरोप लगाया है.
नौरंगाबाद स्थित सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान की सेल्समैन रजनी देवी के पति नागेंद्र सिंह से बात की तो उन्होंने बताया कि हर घर तिरंगा फहराने के लिए डीएसओ साहब ने आदेश दिए थे. ₹21 में प्रत्येक झंडे का राशन की दुकान से वितरण करना है. जिसके लिए विभाग की ओर से 43 तिरंगे झंडे हमें दिए गए. दुकानदार ने बताया कि किसी भी ग्राहक को जबरदस्ती झंडा लेने को नहीं कहा गया है.
इधर इस मामले पर जब डीएसओ शिवकांत पांडे से फोन पर बात की गई तो उन्होंने बताया कि हर घर तिरंगा झंडा फहराने के उद्देश्य से राशन की दुकानों पर झंडा वितरण कराया जा रहा है जिसके लिए दुकानों के लोड के अनुसार कुछ संख्या में झंडे दिए गए हैं, लेकिन, किसी भी प्रकार का कार्ड धारक पर दबाव नहीं बनाया जा रहा है. कार्ड धारक स्वेच्छा से राशन के साथ झंडा ले सकता है. झंडे की कीमत क्वालिटी के हिसाब से बाजार के मुकाबले बेहद कम हैं.
उन्नाव
उन्नाव में भी ऐसा ही मामला सामने आया है जहां पर नगर पालिका द्वारा झड़े के बदले पैसा वसूला जा रहा है. आदेश में साफ-साफ 20 रुपए लेने की बात कहीं गयी है. मामला प्रकाश में आया जब नगरपालिका के कर्मी वसूली के लिए घर जाना शुरू हुए और नगरपालिका का आदेश दिखाते हुए पैसे लिए.
नगरपालिका के फरमानी आदेश में लिखा है कि आजादी के अमृत महोत्सव के अन्तर्गत हर घर पर तिरंगा फहराये जाने के निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप कार्यालय में झण्डे उपलब्ध है जिन्हें नगर के भवनों पर अनिवार्य रूप से फहराये जाने के उद्देश्य से हर घर तिरंगा वितरण कराये जाने हेतु पालिका के क्षेत्रीय उत्तरदायी कर्मचारियों को जिम्मेदारी दी जा रही है.
इस मामले मे CDO दिव्यांशु पटेल ने बताया कि तिरंगा के लिए 20 रुपये निश्चित शुल्क देना अनिवार्य नहीं है. टोकन दिया जा सकता है स्वेच्छा से , लक्ष्य हर व्यक्ति को तिरंगा पहुंचाना है.
(इनपुट- मुकेश गुप्ता, जितेंद्र मिश्रा आजाद)
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