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Haryana में बन रहा हड़प्पा संस्कृति का सबसे बड़ा संग्रहालय, सीएम ने लिया जायजा

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को खुदाई के दौरान मिली कलाकृतियों और अन्य वस्तुओं की सूची तैयार करने का निर्देश दिया.

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राज्य
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हड़प्पा संस्कृति का दुनिया का सबसे बड़ा संग्रहालय हरियाणा के राखीगढ़ी में लगभग 5,000 साल पुरानी सिंधु घाटी कलाकृतियों को प्रदर्शित करने के लिए आ रहा है, रविवार को अधिकारियों ने यह जानकारी दी है।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शनिवार को स्थल का दौरा कर संग्रहालय के चल रहे निर्माण की समीक्षा की, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधिकारियों को ऐसे स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के अलावा संरक्षित स्थल की खुदाई का काम जल्द से जल्द पूरा करने का निर्देश दिया।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को खुदाई के दौरान मिली कलाकृतियों और अन्य वस्तुओं की सूची तैयार करने का निर्देश दिया.

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि, मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को खुदाई के दौरान मिली कलाकृतियों और अन्य वस्तुओं की सूची तैयार करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही यदि ग्रामीणों के पास ऐसी कलाकृतियां हों तो उनकी सूची भी तैयार की जाए।

उन्होंने कहा कि, ग्रामीणों से बात कर और उन्हें आश्वस्त करने के बाद कि कलाकृतियों के साथ उनके नाम प्रदर्शित किए जाएंगे, संग्रहालय में कलाकृतियों को रखने की व्यवस्था की जानी चाहिए।

हिसार जिले के नारनौंद अनुमंडल में स्थित राखीगढ़ी के पुरातात्विक साक्ष्य दो गांवों राखी खास और राखी शाहपुर में बिखरे हुए हैं।

प्रारंभिक खुदाई के दौरान, आरजीआर 1 से आरजीआर 7 के रूप में चिह्न्ति सात टीलों का एक समूह पाया गया, जो एक साथ हड़प्पा सभ्यता की सबसे बड़ी बस्तियों का निर्माण किया था।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को खुदाई के दौरान मिली कलाकृतियों और अन्य वस्तुओं की सूची तैयार करने का निर्देश दिया.

1963 में एएसआई ने पहली बार किसी गांव में खुदाई शुरू की थी। 1998 से 2001 के बीच अमरेंद्र नाथ के नेतृत्व में एएसआई की टीम ने फिर से खुदाई शुरू की। 2013, 2016 और 2022 में वी.एस. शिंदे, पूर्व कुलपति, डेक्कन विश्वविद्यालय, पुणे द्वारा खुदाई का काम किया गया।

शिंदे के अनुसार राखीगढ़ी में पाई जाने वाली सभ्यता 5,000-5,500 ईसा पूर्व की है, जबकि मोहनजोदड़ो में मिली सभ्यता का समय लगभग 4,000 ईसा पूर्व माना जाता है।

शिंदे का कहना है कि, राखीगढ़ी में मिले साक्ष्य, जो प्राचीन सभ्यता के साक्ष्य को भी संरक्षित करते हैं, यह इंगित करते हैं कि व्यापार विनिमय के मामले में यह स्थान हड़प्पा और मोएनजोदड़ो से अधिक समृद्ध था।

राखीगढ़ी में आने वाले विश्व स्तरीय संग्रहालय से उत्साहित एक स्थानीय निवासी अशोक ने कहा कि, इस क्षेत्र को विकसित करने से न केवल यह एक पसंदीदा पर्यटन स्थल बन जाएगा बल्कि ग्रामीणों के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

एक अन्य निवासी सुखबीर मलिक ने कहा कि, ऐतिहासिक शहरों को विकसित करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा किए जा रहे प्रयास सराहनीय हैं। यह न केवल राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ऐसे सभी क्षेत्रों को मान्यता देता है बल्कि विकास के नए अवसर भी पैदा करता है।

अधिकारियों ने आईएएनएस को बताया कि, आगंतुकों को राखीगढ़ी के इतिहास की एक झलक देने के लिए संग्रहालय में तस्वीरें प्रदर्शित की जाएंगी।

बच्चों को मनोरंजक तरीके से इतिहास से अवगत कराने के लिए संग्रहालय में बच्चों के लिए एक विशेष क्षेत्र भी बनाया गया है। इसके अलावा, एक ओपन-एयर थिएटर, गैलरी और एक पुस्तकालय का निर्माण किया गया है।

केंद्र सरकार ने देश में पर्यटन स्थलों और पांच ऐतिहासिक स्थलों को विकसित करने के लिए 2,500 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं और राखीगढ़ी उनमें से एक है।

--आईएएनएस

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