हरियाणा (Haryana) के यमुनागर (Yamuna Nagar) में रविवार, 31 दिसंबर को पुलिस ने गेस्ट टीचर्स पर लाठीचार्ज किया. गेस्ट टीचर्स शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर के आवास का घेराव करने जा रहे थे. इस दौरान पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही रोक दिया. इसके बाद शिक्षकों का विरोध बढ़ गया, जिसके बाद पुलिस ने उनपर जमकर लाठियां भांजी. इस दौरान पुलिस ने शिक्षकों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा. इसमें हरियाणा गेस्ट टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष सहित 20 से ज्यादा शिक्षक घायल हुए हैं. घायलों को यमुनानगर के सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया गया है.
शिक्षक कर रहे परमानेंट करने की मांग
अपनी मांगों को लेकर पिछले 115 दिनों से करनाल में धरने पर बैठे गेस्ट टीचर्स रविवार को यमुनानगर पहुंचे थे. गेस्ट टीचर्स जगाधरी की नई अनाजमंडी से शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर के आवास की तरफ मार्च किया, इस दौरान पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही रोक दिया. जिसके बाद प्रदर्शनकारी गेस्ट टीचर्स और पुलिस के बीच जमकर नोक झोंक हुई. इसके बाद पुलिस ने शिक्षकों पर लाठीचार्ज कर दिया. इसमें 20 से ज्यादा प्रदर्शनकारी गेस्ट टीचर्स घायल हुए हैं. घायलों में गेस्ट टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र शास्त्री भी हैं.
गेस्ट टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र शास्त्री ने कहा, "पुलिस ने हम पर दमनकारी नीति अपनाई है. आज हमें अपनी मांगों को लेकर शिक्षा मंत्री से मिलना था. पुलिस ने हमें वहां जाने से रोक दिया और अचानक हम पर लाठीचार्ज कर दिया."
"हमारे गेस्ट टीचर्स 18 साल से शोषण के शिकार हैं. हमारी कोई सुनवाई नहीं हो रही. 115 दिन हो गए करनाल में शांतिपूर्वक बैठे हुए, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. हमने सीएम से भी मीटिंग के लिए टाइम मांगा था, लेकिन वो भी हमें नहीं दिया गया."
वहीं प्रदर्शनकारी गेस्ट टीचर्स दीपक शर्मा ने कहा कि "गेस्ट टीचर्स बहुत शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे. पिछले 18 साल से हम लोग अस्थाई हैं और परमानेंट करने की मांग को लेकर शिक्षा मंत्री से मिलना चाहते थे. लेकिन पुलिस ने तानाशाही रवैया अपनाया और उन्होंने एकदम से लाठीचार्ज कर दिया."
सुरजेवाला ने की घटना की निंदा
कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने गेस्ट टीचर्स पर लाठीचार्ज की निंदा की है. उन्होंने लाठीचार्ज का वीडियो X पर शेयर करते हुए लिखा, "यमुनानगर में अतिथि अध्यापकों पर लाठीचार्ज निंदनीय है. सरकार को इन अध्यापकों से बात करनी चाहिए, न कि लाठियां चलानी चाहिए. बीजेपी सरकार लाठी के दम पर मुद्दों से ध्यान नहीं भटका सकती. इस तनाशाही रवैये से पूरा प्रदेश त्रस्त है और जनता इसका जवाब देगी."
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