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सिरसा:धरना दे रहे योगेंद्र यादव समेत किसान नेता हिरासत में लिए गए

पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए उनपर आंसू गैस और वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया.

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हाल ही में पास हुए किसान बिल (Farmers Bill 2020) के खिलाफ देशभर में किसानों का विरोध जारी है. 6 अक्टूबर को हरियाणा के सिरसा में शुरू हुए हजारों किसानों के विरोध प्रदर्शन में पुलिस ने अब कार्रवाई करते हुए योगेंद्र यादव समेत दूसरे किसान नेताओं को हिरासत में ले लिया. मंगलवार को किसानों ने उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला का आवास घेरने का प्रयास किया था, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक लिया. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए उनपर आंसू गैस और वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया. इसके बावजूद किसानों ने अपना प्रदर्शन खत्म नहीं किया और रात भर धरना चालू रखा.

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  • योगेंद्र यादव को पुलिस ने हिरासत में लिया

    (फोटो: क्विंट हिंदी)

6 अक्टूबर को हरियाणा के सिरसा में 17 किसान संगठनों के आव्हान पर 20 हजार किसान इकट्ठा हुए. जय किसान आंदोलन के योगेंद्र यादव और AIKSCC के वी एम सिंह भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए. कई पंजाबी गायक और कलाकार भी किसानों को समर्थन देने आए.

दोपहर करीब 2:30 बजे प्रदर्शनकारियों ने उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला तक अपनी बात रखने के लिए सीएम आवास का घेराव करने के लिए मार्च निकाला, लेकिन घर से 500 मीटर दूर ही पुलिस ने उन्हें रोक लिया. बैरिकेंडिंग कर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस और वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया.

दिनभर के विरोध प्रदर्शन के बावजूद किसान वहां डटे रहे. किसानों ने रात में सिरसा चौक पर धरना दिया. किसान नेता और प्रर्दर्शन कर रहे सभी किसान रातभर सिरसा चौक पर डटे रहे. किसानों ने सभी के लिए लंगर भी चलाया.

चौटाला से किसानों के 10 सवाल

प्रदर्शनकारियों ने उपमुख्यमंत्री के साथ-साथ बिजली मंत्री रणजीत सिंह से भी सवाल किए. किसानों ने चेतावनी भरे अंदाज में चौटाला और सिंह से पूछा कि वो या तो कुर्सी चुन लें या किसान.

  1. जब देश में एक भी किसान संगठन या किसान नेता मोदी सरकार के तीन किसान विरोधी कानूनों के साथ खड़े होने को तैयार नहीं हैं, तब चौधरी देवी लाल के वंशज इनकी ढाल बनकर क्यों खड़े हुए हैं?
  2. क्या चौधरी देवी लाल, इनेलो या JJP ने पहले कभी भी इस तरह के कानूनों की मांग की थी?
  3. क्या BJP सरकार ने ये तीन कानून बनाने से पहले आपकी पार्टी की राय ली थी?
  4. इन तीनों कानूनों को लॉकडाउन और महामारी के बीच चोर दरवाजे से क्यों लाया गया?
  5. राज्यसभा में बिना वोट डलवाए धक्केशाही से इन कानूनों को पास क्यों किया गया?
  6. अगर इन कानूनों से MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) को कोई खतरा नहीं है, तो सरकार MSP को किसान का कानूनी हक क्यों नहीं बना देती?
  7. इस कानून से जमाखोरी की खुली छूट देने से किसान को कैसे फायदा होगा?
  8. कंपनियों को मंडी से बाहर बिना टैक्स खरीद की छूट देने से मंडी खत्म नहीं हो जाएगी? अगर मंडी नहीं बची तो किसान कैसे बचेगा? सरकारी रेट पर खरीद कहां होगी?
  9. कॉन्ट्रैक्ट की खेती में किसान को कंपनियों के हाथ लुटने से कौन बचाएगा?
  10. दाना-दाना MSP पर खरीदने के आपके दावे के बावजूद, आपकी आंख के सामने फसलें MSP पर बिक नहीं रही, ऐसा क्यों?

किसानों ने अपील की कि किसान इन कानूनों की वकालत करने वाले किसी भी मंत्री, विधायक या सांसद को अपने गांव में प्रवेश न करने दें. पंजाब के अमृतसर में भी किसान संगठन पिछले कई दिनों से बिल का विरोध कर रहे हैं. विपक्षी पार्टियां भी इस बिल को लेकर केंद्र सरकार पर हमलावर हैं.

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