मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की बुरहानपुर की एक अदालत ने पाकिस्तान की जीत पर जश्न मनाने के आरोप में घिरे एक नाबालिग सहित कुल 17 लोगों (एक की मौत हो चुकी है) को बरी कर दिया. हैरानी की बात यह है कि पुलिस ने जिस व्यक्ति को फरियादी बताया था, उसने कहा कि मैने कोई शिकायत नहीं की.
क्या है मामला?
18 जून 2017 को, चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में पाकिस्तान ने भारत को 180 रनों से हरा दिया था. इस मैच के बाद बुरहानपुर जिले के शाहपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले मोहद कस्बे के मुस्लिम लोगों पर पाकिस्तान की जीत का जश्न मनाने के आरोप लगे और तनावपूर्ण स्थिति का हवाला देकर पुलिस ने 17 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर दिया.
पुलिस ने आरोपियों पर आईपीसी की धारा 124-A (देशद्रोह) व 120 -B (आपराधिक षडयंत्र) के तहत मामला दर्ज किया. इसके बाद निचली अदालत ने सभी आरोपियों की जमानत याचिका कर उन्हें जेल भेज दिया.
जानकारी के अनुसार, सभी नामजद लोगों पर आरोप है कि उन्होंने रात करीब 10 बजे सार्वजनिक स्थानों पर पाकिस्तान के समर्थन और भारत के विरोध में नारे लगाये और अतिशबाजी भी की. इससे वहां का माहौल बिगड़ता देख मौके पर पहुंची पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण किया और 17 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कर गिरफ्तार किया.
FIR में क्या लिखा?
19 जून 2017 को दर्ज पुलिस एफआईआर में लिखा है, शिकायतकर्ता 18 जून को घर में चैंपियन ट्रॉफी का फाइनल देख रहा था. इस दौरान जैसे ही भारत का तीसरा विकेट गिरा तो कुछ लोग पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने लगे और कहा, "आज तो अपनी पाकिस्तान टीम ही जीतेगी". पांचवां विकेट गिरने के बाद सभी लोग पटाखे लेकर गांव के चौराहे पर इकट्ठा हुए और अतिशबाजी की.
इसके बाद जैसे ही भारत मैच हारा तो वे (आरोपी) लोग गांव के इमली चौराहे, बस स्टॉप, बड़ी मस्जिद के सामने और मुजफ्फर के घर के सामने पटाखे फोड़ और एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर पाकिस्तान की जीत का जश्न मनाया.
वहीं, आरोपियों की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता उबैद शेख ने क्विंट हिंदी से कहा, "हमने शुरुआत में ही पुलिस के द्वारा षड्यंत्र पूर्वक लगाई गई धारओं को खत्म कराया, लेकिन मामला सार्वजनिक होने के चलते करीब 10 से 15 दिनों तक आरोपी बनाये गए लोग जेल में बंद रहे और उसके बाद उन्हें जमानत मिली."
जिस तरह से तत्कालीन थाना प्रभारी व उनके सहयोगियों के द्वारा षड्यंत्र पूर्वक युवाओं को फंसाया गया है, उन्हें हम बख्शने वाले नहीं हैं, उनके खिलाफ भी कार्रवाई करेंगे.उबैद शेख, वकील
अधिवक्ता उबैद शेख ने बताया कि आरोपियों को बुरहानपुर जिला न्यायालय द्वारा 9 अक्टूबर 2023 को बरी कर दिया गया. उन्होंने कहा, "FIR में फरियादी बनाए गए युवक ने कोर्ट में किसी भी शिकायत से साफ इंकार किया है, जबकि गवाहों ने भी कोर्ट में कहा कि उन्होंने ऐसी कोई घटना घटते नहीं देखी, जिसके बाद अदालत ने मामले में आरोपी बनाए गये एक नाबालिग सहित कुल 17 लोगों को बरी कर दिया."
बता दें कि आईसीसी चैंपियन ट्रॉफी का फाइनल मुकाबला 18 जून 2017 को खेला गया था, जिसमें पाकिस्तान के 339 रन का पीछा करने उतरी भारतीय टीम 30.3 ओवर में 158 रन बनाकर ही आउट हो गई थी.
(इनपुट-अब्दुल वसीम अंसारी)
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