हिंदू महासभा के चार कार्यकर्ताओं को विवादास्पद पर्चे (पंपलेट) बांटने के आरोप में शुक्रवार को ग्वालियर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. इन पर्चों में महात्मा गांधी के बारे में आपत्तिजनक शब्द लिखे हुए थे. महासभा के कार्यकर्ताओं द्वारा बापू के हत्यारे नाथूराम गोडसे और उनकी हत्या की साजिश में गोडसे के सहयोगी रहे नारायण आप्टे की पुण्यतिथि मनाने के लिए कार्यक्रम आयोजित करने जैसी गतिविधियों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई नहीं होने पर लोगों ने इसका सार्वजनिक रूप से विरोध किया था.
महासभा ने कुछ साल पहले गोडसे की याद में एक मंदिर बनाने की कोशिश भी की थी, मगर पुलिस ने उनके प्रयास को विफल कर दिया था.
हिंदू महासभा ने 15 नवंबर, 2017 को अपने कार्यालय में गोडसे की प्रतिमा स्थापित की थी और उसकी प्राण प्रतिष्ठा की रस्म अदा की थी. गांधी समर्थकों के विरोध और प्रशासन की सख्ती के बाद प्रतिमा हटा ली गई थी.
इस साल महासभा के कार्यालय में 15 नवंबर को गोडसे और आप्टे की पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में पूजा और आरती करने की कोशिश की गई. पता चलने पर पुलिस ने कार्रवाई की.
बाद में कुछ लोगों को दौलतगंज क्षेत्र में गोडसे के समर्थन में पंपलेट बांटते पकड़ा गया. वे चाहते हैं कि गांधी को मारने के बारे में गोडसे ने जो बयान दिया था, उस पर स्कूलों के सिलेबस में एक अध्याय जोड़ा जाय.
इस मामले की जांच के बाद चार लोगों- नरेंद्र बाथम, पवन माहौर, किशोर और आनंद माहौर को शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया है.विवेक अस्थाना, कोतवाली थाना प्रभारी
ग्वालियर में गोडसे समर्थकों के प्रति नरम रुख रखने खातिर मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार की आलोचना की जा रही है. हिंदू महासभा के कार्यालय में जब गोडसे की प्रतिमा स्थापित की थी, उस समय राज्य में बीजेपी की सरकार थी.
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