जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर चुनाव शुरू हो सकते हैं. सरकार चुनाव से जुड़ी प्रक्रिया के लिए राज्य की राजनीतिक पार्टियों से बात कर सकती है. ये जानकारी एनडीटीवी ने सूत्रों के हवाले से अपनी रिपोर्ट में दी है.
हालांकि, अभी तक इसके लिए कोई औपचारिक ऐलान नहीं किया गया है. कश्मीर के राजनीतिक दलों का समूह पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकार डिक्लेरेशन (पीएजीडी) ने हाल ही में बैठक बुलाई थी और वो भी ऐसी बातचीत के लिए तैयार दिख रहे हैं.
बैठक में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती, नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला, अवामी नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता मुजफ्फर शाह और सीपीआई(एम) नेता युसूफ तारागामी भी हिस्सा ले रहे हैं.
पीएजीडी को 5 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर में किए गए संवैधानिक परिवर्तनों को उलटने के लिए तैयार किया गया था.
नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला को गठबंधन का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है, जबकि पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती इसकी उपाध्यक्ष हैं. फारूक अब्दुल्ला का कहना है कि वो बातचीत के खिलाफ नहीं है.
जून 2018 में कश्मीर में लागू हुआ था राष्ट्रपति शासन
बीजेपी-पीडीपी गठबंधन के टूटने के बाद जून 2018 में जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लागू हुआ था. तब से ही राज्य में किसी तरह की राजनीतिक प्रक्रिया नहीं हुई है.
अगस्त 2019 में केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया था.
ऐसा अनुमान लगाया गया था कि राज्य में आम चुनाव, 2019 के साथ ही चुनाव करा लिए जाएंगे लेकिन उस वक्त सुरक्षा चुनौतियों का हवाला देते हुए चुनाव नहीं कराए गए थे.
अब जाकर राज्य में राजनीतिक प्रक्रिया शुरू होने की सुगबुगाहट सामने आई है.
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