झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षाबलों का अभियान (Jharkhand Anti Naxal operation) लगातार चल रहा है. इसी कड़ी में सर्च ऑपरेशन के दौरान बुधवार, 7 सितंबर को चाईबासा (Chaibasa) जिले के रेंगरा जंगल में सुरक्षाबलों ( कोबरा और जेजे) की नक्सलियों के साथ मुठभेड़ हुई. इस दौरान दोनों तरफ से जमकर फायरिंग हुई. हालांकि पुलिस को भारी पड़ता देख नक्सली जंगल की तरफ भाग निकले..
सर्च अभियान में सुरक्षाबल ने बंकर भी ध्वस्त किया
मुठभेड़ के बाद पुलिस ने सर्च ऑपरेशन चलाया. सर्च अभियान में पुलिस के दौरान नक्सलियों का एक बंकर भी ध्वस्त किया गया. पुलिस ने इस बंकर से काफी मात्रा में नक्सलियों का खाने-पीने का सामान बरामद किया है. नक्सली साहित्य और मेडिकल किट भी बरामद हुआ है.
सुरक्षाबलों को सूचना मिली थी की एक करोड़ का इनामी नक्सली मिसिर बेसरा और 25 लाख का इनामी नक्सली अजय महतो रेंगरा जंगल में कैंप कर रहा है. सूचना पर कोबरा और जेजे का जॉइंट ऑपरेशन चलाया गया.
जवानों ने ज्वाइंट सर्च ऑपरेशन शुरू की. इस ऑपरेशन के दौरान जवानों की माओवादियों से मुठभेड़ हुई वहीं सुरक्षाबलों को भारी पड़ता देख नक्सली भाग गए वहीं जवानों ने एक कैम्प को ध्वस्त करने सफलता हासिल की.
इसके अलावा झारखंड और छत्तीसगढ़ सीमा पर मौजूद बूढ़ा पहाड़ पर भी माओवादियों के खिलाफ अभियान के दूसरे दिन सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली है. एक अभियान के क्रम में सुरक्षाबलों को 106 से ज्यादा अलग-अलग तरह के लैंडमाइन्स और 350 से ज्यादा गोलियां मिली हैं.
नक्सलियों के खिलाफ मुस्तैद पुलिस
आउटलुक की रिपोर्ट के अनुसार पुलिस महानिदेशक नीरज सिन्हा ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर जानकारी दी थी कि झारखंड में पिछले तीन वर्षों में नक्सल विरोधी अभियानों के दौरान 1,526 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है जबकि विभिन्न मुठभेड़ों में कम से कम 51 नक्सली मारे गए हैं.
उन्होंने यह भी कहा कि नक्सलियों को मुख्यधारा में लाने के लिए बनाई गई आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति के भी सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं और 57 शीर्ष नक्सलियों ने हथियार छोड़ दिए हैं.
(इनपुट- आनंद दत्त)
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