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झारखंड के सिमडेगा में गोकशी का झूठा आरोप लगाकर आदिवासियों की पिटाई

झारखंड के सिमडेगा में आदिवासी ईसाई समुदाय के कुछ लोगों से जबरदस्ती नारे लगवाने और मारपीट का मामला सामने आया है.

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वीडियो एडिटर: दीप्ति रामदास

वीडियो प्रोड्यूसर: कनिष्क दांगी

झारखंड की राजधानी रांची से करीब 145 किमी दूर जिला सिमडेगा में आदिवासी ईसाई समुदाय के कुछ लोगों से जबरदस्ती नारे लगवाने और मारपीट का मामला सामने आया है. जिले के गांव के सात आदिवासी ईसाइयों का आरोप है कि 60-70 की तादाद में लोगों की एक भीड़ ने गोकशी का आरोप लगाकर पहले पीटा और फिर जबरन "जय श्री राम" के नारे लगवाए. ये घटना 16 सितंबर की बताई जा रही है, जिसपर अगले ही दिन सिमडेगा थाने में पीड़ित राज सिंह कुल्लू की पत्नी ने शिकायत दर्ज कराई. लेकिन ये मामले 25 सितंबर को सार्वजनिक तौर पर सामने आया.

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पीड़ितों ने क्विंट को बताई आपबीती

26 साल के दीपक कुल्लू ने बताया कि "16 सितंबर की सुबह पास-पड़ोस के गांव के लाठी डंडे से लैस लगभग 50 लोगों का एक समूह मेरे घर के आंगन में घुस आया. मैंने देखा कि भीड़ मेरे जीजा राज सिंह कुल्लू की पिटाई कर रही है. साथ ही मैंने दीदी रोजलिन कुल्लू पर जाति-धर्म आधारित आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए देखा. जब मैंने पूछा तो उन लोगों ने कहा कि यहां गोकशी होती है. मैंने कहा कि यहां ऐसा नहीं होता, आपके पास क्या सुबूत है, इस पर उन लोगों ने एक फर्जी वीडियो दिखाया जिसमें एक बुजुर्ग गोकशी होने संबंधित बात कर रहा था. हमने उस वीडियो को फर्जी कहा, इसके बाद उन लोगों ने जाति-आधारित आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए हम लोगों को मारा और फिर हम सभी सातों लोगों के सर के बालों का कुछ हिस्सा मुंडन कर जूते-चप्पल की माला पहनाई. उसके बाद जबरन "जयश्रीराम" के नारे लगवाते हुए हम सभी को पूरे भेड़ीकुदर गांव में टहलाया. इस दौरान वो लोग "तुम गाय को काटोगे तो हम तुमको काटेंगे" के नारे लगा रहे थे."

दीपक ने बताया कि "मामले की सूचना वार्ड मेंबर ने तुरंत सिमडेगा थाने को दी जिसके बाद पुलिस आई. पुलिस ने हमारे घरों की तलाशी ली, लेकिन गोहत्या का कोई निशान नहीं मिला और हम सभी को रिहा कर दिया. जबकि अगले दिन दीदी रोजलिन कुल्लू ने सिमडेगा थाने में शिकायत दर्ज करवाई"

पुलिस का क्या कहना है ?

सिमडेगा थाने के प्रभारी अधिकारी रवीन्द्र प्रसाद सिंह ने क्विंट को बताया कि एससी / एसटी अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. DSP के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल शेष आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी कर रहा है. नामजद नौ आरोपियों में 4 गिरफ्तार हो चुके हैं. हमने उस घर की तलाशी ली वहां गौकशी के कोई निशान या मीट के अंश नहीं मिले. वहां जयश्रीराम का कोई नारा नहीं लगवाया गया है. रही बात पिटाई की तो पीड़ितों को गंभीर चोट नहीं आई और उनमें से किसी को भी चिकित्सा की आवश्यकता नहीं थी.

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