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झारखंड: घायल बेटे को लेकर घूमता रहा पिता, इलाज नहीं मिलने से मौत 

पिता ने स्वास्थ्य महकमे पर उठाए गंभीर सवाल

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राज्य
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झारखंड में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है. कोडरमा के सतगावां प्रखंड में एक पिता अपने 20 साल के बेटे को लेकर अस्पतालों में घूमता रहा, लेकिन कहीं इलाज नहीं मिला. जिसके बाद उसने रिम्स में आखिरकार दम तोड़ दिया. पिता ने जो आरोप लगाए हैं वो राज्य की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था की पूरी कहानी बताते हैं. इसे लेकर Change.org एक कैंपेन भी चला रहा है.

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भगीरथ विश्वकर्मा के बेटे के सिर में चोट लगी थी. जिसके बाद उसके लिए एंबुलेंस बुलवाई गई और हॉस्पिटल लेकर गए. लेकिन हॉस्पिटल बिना जरूरी इलाज के रेफर की बात करने लगे. राजा के पिता ने बताया कि,

“हमारे घर से करीब आधे किमी की दूरी पर मेरा बेटा एक्सीडेंट में जख्मी हो गया. जिसके बाद उसे तुरंत गीता देवी मेमोरियल हॉस्पिटल लेकर गए. वहां सारी व्यवस्था थी, लेकिन उन्होंने बच्चे को नहीं देखा. इसके बाद स्वास्थ्य केंद्र सतगावां लेकर गए, लेकिन वहां डॉक्टर ने कंपाउंडर को पट्टी करने को कह दिया और खुद एक बार भी मेरे बच्चे को नहीं देखा. बच्चे को रेफर कर दिया गया.”

भगीरथ विश्वकर्मा ने ये भी आरोप लगाया है कि जिस एंबुलेंस में उन्हें भेजा गया, उसमें ऑक्सीजन तक नहीं थी. उन्होंने बताया कि बाद में जब वो लोग कोडरमा के सदर अस्पताल पहुंचे तो वहां उसके सिर पर टांका लगाने के लिए भी धागा नहीं था. डॉक्टरों ने कोई जवाब नहीं दिया. यहां से उसे रिम्स के लिए रेफर कर दिया गया. जिसके बाद रिम्स में बच्चे की मौत हो गई.

इस घटना को लेकर बात करते हुए एक पिता ने सरकार से अपील की है कि व्यवस्था ठीक की जाए, जिससे किसी दूसरे का बच्चा ऐसे न मरे.

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