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“मौकापरस्ती, धोखा”, जितिन के BJP में जाने पर किसने क्या कहा?

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले जितिन प्रसाद के बीजेपी में शामिल होने से कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका लगा है.

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पूर्व केंद्रीय मंत्री और उत्तर प्रदेश से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जितिन प्रसाद 9 जून को बीजेपी में शामिल हो गए. कभी राहुल गांधी के करीबी रहे जितिन प्रसाद के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल होने से कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका लगा है. कांग्रेस के कई नेताओं ने इसे लेकर नाराजगी भी जताई है. UPCC अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने जहां जितिन प्रसाद को ‘विश्वासघाती’ कहा, तो वहीं कुछ नेताओं ने इसे उनका निजी फैसला बताया. वहीं, बीजेपी के तमाम नेताओं ने प्रसाद का पार्टी में स्वागत किया.

पार्टी में शामिल होने के बाद प्रसाद ने बीजेपी की बढ़ाई करते हुए कहा, “सवाल ये नहीं है कि मैं एक पार्टी क्यों छोड़ रहा हूं, बल्कि मैं दूसरी पार्टी में क्यों शामिल हो रहा हूं. अगर आज सही मायने में कोई पार्टी है, एक संस्थागत पार्टी है, तो वह बीजेपी है.”
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कांग्रेस की प्रतिक्रिया

उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी(UPCC) अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने जितिन प्रसाद को विश्वासघाती करार दिया है. लल्लू ने कहा, “कांग्रेस में वह सांसद और फिर मंत्री बने. उन्हें हाल ही में चुनावों के दौरान पश्चिम बंगाल का प्रभारी बनाया गया था. कांग्रेस ने उन्हें बहुत कुछ दिया है, लेकिन बदले में उन्होंने क्या किया है?”

लल्लू ने कहा कि जितिन प्रसाद के जाने से विचारधारा पर चलने वाली पार्टी को कोई फर्क नहीं पड़ेगा.

कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा, “जाने वाले जाते रहते हैं, हम उन्हें रोक नहीं सकते. ये उनका अपना फैसला था, उनका यहां (कांग्रेस में) भी भविष्य था. हालांकि, ये दुर्भाग्यपूर्ण है.”

कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने भी नाराजगी जताते हुए कहा, “वो कांग्रेस पार्टी और नेहरू परिवार था जिन्होंने उन्हें नाम दिया. उन्हें ये नहीं भूलना चाहिए और मुझे भी ये नहीं भूलना चाहिए.”

तारिक अनवर ने जितिन प्रसाद को 'मौकापरस्त' बताया और कहा, “आने वाला वक्त यह बताएगा कि जितिन प्रसाद जैसे मौका परस्तों का कांग्रेस से जाना, कांग्रेस की सेहत और भविष्य के लिये मुफीद ही साबित होगा.”

मध्य प्रदेश कांग्रेस ने जितिन प्रसाद को लेकर एक आपत्तिजनक ट्वीट किया, जिसे बाद में डिलीट कर लिया गया. ट्वीट में लिखा था, “जितिन प्रसाद के जाने से कांग्रेस खुश है- ये एक कूड़ा कूड़ेदान में डालने जैसी सामान्य क्रिया है.”

बागी कांग्रेस विधायक अदिति सिंह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी को आत्ममंथन करना चाहिए. उन्होंने कहा, “ये कांग्रेस के लिए एक बड़ा नुकसान है और पार्टी को आत्ममंथन करना चाहिए कि ज्योतिरादित्य सिंधिया और जितिन प्रसाद जैसे वरिष्ठ नेता क्यों जा रहे हैं. कांग्रेस एक परिवार की पार्टी बनती जा रही है. उनका भविष्य बीजेपी में उज्जवल होगा.”

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बीजेपी ने किया जितिन प्रसाद का स्वागत

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद का बीजेपी में स्वागत किया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रसाद के भाजपा में शामिल होने से उत्तर प्रदेश में पार्टी और मजबूत होगी.

पिछले साल कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, “वो मेरे छोटे भाई की तरह हैं, मैं उनका बीजेपी में स्वागत करता हूं. उन्हें बधाई.”

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत कई दूसरे नेताओं ने ट्वीट कर जितिन प्रसाद का बीजेपी में स्वागत किया.

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लगातार चुनाव हार रहे थे जितिन प्रसाद

जितिन प्रसाद 2001 में कांग्रेस में शामिल हुए थे और उन्हें यूथ कांग्रेस का सचिव बनाया गया. साल 2014 में उन्होंने धौरहरा सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए. इसके बाद 2017 में हुए यूपी विधासभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें शाहजहांपुर की तिलहर सीट से टिकट दिया, लेकिन जितिन प्रसाद विधानसभा चुनाव भी हार गए. फिर एक बार 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने जितिन प्रसाद पर भरोसा दिखाया और धौरहरा से ही टिकट दिया, लेकिन इस बार भी वो बुरी तरह से हारे.

जितिन के बगावती तेवर काफी समय से नजर आ रहे थे. ऐसा माना जाता है कि वो लंबे समय से बीजेपी के संपर्क में थे.

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