जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी प्रशासन ने दावा किया है कि 3 जनवरी को कुछ नकाबपोश छात्र करीब 1 बजे सेंटर फॉर इंफार्मेशन सिस्टम के ऑफिस में जबरदस्ती घुस गए और वहां छात्रों ने जमकर हंगामा किया.
JNU प्रशासन ने आरोप लगाया कि छात्रों ने बिजली कनेक्शन भी काट दिए, सभी कर्मचारियों को जबरन बाहर निकाला और कार्यालय के सर्वर को बेकार कर दिया.
सेंटर फॉर इंफार्मेशन सिस्टम के ठप होने की वजह से पूरा रजिस्ट्रेशन प्रोसेस बाधित हो गया, जिससे छात्रों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. यूनिवर्सिटी ने कहा है कि वो उन छात्रों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगा, जिन्होंने हजारों छात्रों का नुकसान किया है.
JNU में फीस बढ़ोतरी को लेकर चल रहा है विरोध
जेएनयू में बढ़ी फीस को लेकर छात्र लगभग दो महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं. छात्रों ने 12 दिसंबर को फीस कम करने की मांग को लेकर परीक्षाओं का बहिष्कार भी किया था.
9 दिसंबर को जेएनयू छात्रों ने राष्ट्रपति भवन तक मार्च निकालने की तैयारी की थी. इस बीच मार्च के बीच ही पुलिस और छात्रों की झड़प हुई. पुलिस ने लाठियां भांजी, जेएनयू के कुछ छात्रों को पुलिस ने सड़कों पर घसीटा.
पिछले महीने JNU छात्रों ने फीस बढ़ोतरी के खिलाफ एचआरडी मिनिस्ट्री तक मार्च निकाला था. तब भी छात्रों पर लाठी चार्ज किया गया था. दबाव बढ़ने के बाद सरकार ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया.
क्या है छात्रों की मांग?
जेएनयू में प्रदर्शन कर रहे छात्रों की कई मांगें हैं. छात्रों की मुख्य मांगों में से एक फीस में बढ़ोतरी है. उनका कहना है कि फीस नहीं बढ़नी चाहिए. इसके अलावा सर्विस चार्ज, ड्रेस कोड, कर्फ्यू टाइमिंग और हॉस्टल संबंधी समस्याओं को लेकर छात्र प्रदर्शन करने उतरे हैं. छात्रों का आरोप है कि जेएनयू प्रशासन छात्रों के हितों के खिलाफ फैसले ले रहा है.
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