मध्य प्रदेश में बीजेपी पर कांग्रेस विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोपों के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक तीन मंत्रियो ने बैठक की. मंगलवार शाम से चल रहे इस ड्रामे के बीच बुधवार 4 मार्च की सुबह सिंधिया समर्थक इन मंत्रियों की बैठक के बाद कयासबाजी शुरू हो गई है. हालांकि पार्टी इसे सामान्य बैठक मान रही है.
तुलसीराम सिलावट, प्रद्युम्न सिंह तोमर और गोविंद सिंह राजपूत राज्य की कमलनाथ सरकार में मंत्री हैं और इन तीनों की गिनती सिंधिया समर्थकों में होती है.
बुधवार सुबह इन तीनों मंत्रियों की गोविंद राजपूत के आवास पर बैठक हुई. बैठक के बाद मंत्री बाहर निकले, लेकिन किसी ने भी मीडिया के सवालों के जवाब नहीं दिए.
इस बैठक के बाद हो रही कयासबाजियों के बीच राज्य सरकार के मंत्री सज्जन वर्मा ने कहा कि मंत्रियों की मुलाकात को राजनीति से नहीं जोड़ना चाहिए, क्योंकि सभी मंत्री मंगलवार को ग्वालियर में एक शादी समारोह में शामिल होने गए थे और बुधवार सुबह लौटे हैं.
गुरुग्राम में कैद कांग्रेस विधायक?
इससे पहले मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार में मंत्री जयवर्धन सिंह और जीतू पटवारी रातों रात गुरुग्राम के होटल पहुंचे और वहां से बीएसपी विधायक रामबाई को लेकर बाहर निकले. कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी ने उनकी पार्टी के 8 विधायकों को उनकी मर्जी के खिलाफ होटल में रखा है. रामबाई इन्हीं 8 में से एक विधायक थीं.
मध्य प्रदेश सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने पीटीआई से कहा
“बीजेपी के दिग्गज नेताओं पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान, नरोत्तम मिश्रा, भूपेंद्र सिंह और रामपाल षणयंत्र के तहत 8 विधायकों को हरियाणा के एक होटल ले गए. विधायकों ने हमें बताया कि बीजेपी ने उनको जबरदस्ती रोककर रखा था.”
होटल से बाहर निकलने के बाद जीतू पटवारी ने कहा कि अब सब कुछ कंट्रोल में है. उन्होंने कहा कि वो 5 मार्च को इस पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे.
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