ADVERTISEMENTREMOVE AD

कर्नाटक सरकार का U-टर्न, प्रवासी मजदूरों के लिए चलाई जाएगी ट्रेन

हाल ही में कर्नाटक सरकार ने प्रवासी मजदूरों को ले जाने वाली ट्रेनें रद्द कर दी थीं

Updated
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

कर्नाटक सरकार ने प्रवासी मजदूरों को उनके राज्यों तक पहुंचाने के लिए ट्रेन सेवाओं को फिर से शुरू करने का फैसला लिया है. सरकार ने राज्य में फंसे हुए प्रवासी मजदूरों, पर्यटकों, छात्रों, तीर्थयात्रियों को वापस भेजने को लेकर सहमति के लिए राज्य सरकारों को लेटर लिखा है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

बिल्डरों से मीटिंग के बाद ट्रेन रद्द करने का हुआ था फैसला

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा ने राज्य के बिल्डरों से मुलाकात के बाद प्रवासी मजदूरों के उनके घर ले जानी वाली ट्रेनों को कैंसिल करने का फैसला सुनाया था. कर्नाटक सरकार ने रेलवे से अपील की थी कि 6 मई से जाने वाली सारी ट्रेन कैंसिल कर दी जाए.

बता दें कि लॉकडाउन में फंसे मजदूरों के लिए स्पेशल ट्रेन चलाई जा रही हैं और सारे मजदूर अपने-अपने होम टाउन लौट रहे हैं.

जमकर हुई थी आलोचना

ट्रेन कैंसिल करने के राज्य सरकार के फैसले की जमकर आलोचना हो रही थी. द क्विंट पर इस खबर को दिखाने के बाद कई लोगों ने प्रवासी मजदूरों के दर्द को सोशल मीडिया के जरिए रखा. क्विंट की खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए राजनीतिक विश्लेषक योगेंद्र यादव ने कर्नाटक सरकार के इस फैसले को बंधुआ मजदूरी तक बता दिया. गिरमिटिया मजदूरों का जिक्र करते हुए योगेंद्र यादव कहते हैं कि इन प्रवासी कामगारों की स्थिति गिरमिटिया मजदूर जैसी हो गई है.

वहीं सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट संजय हेगड़े ने क्विंट से कहा कि कर्नाटक सरकार का ये कदम न सिर्फ निंदनीय बल्कि असंवैधानिक भी है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×