मशहूर कथक डांसर मंजरी चतुर्वेदी को लखनऊ में 16 जनवरी को यूपी सरकार के एक कार्यक्रम में उनकी प्रस्तुति के दौरान कथित तौर पर रोका गया है. मंजरी का कहना है कि जब उन्हें रोका गया तो वो एक कव्वाली पर डांस कर रही थीं. मंजरी ने आरोप लगाया है कि उनके डांस के दौरान अचानक संगीत को बंद कर दिया गया और अगली प्रस्तुति की घोषणा कर दी गई.
एक न्यूज चैनल से बात करते हुए मंजरी ने बताया, "मैंने सोचा कि ये तकनीकी गड़बड़ी है, लेकिन इसके बाद अगली प्रस्तुति की घोषणा कर दी गई. इससे साफ हो गया कि कोई गड़बड़ी नहीं है. जब मैंने संबंधित अधिकारियों से पूछा तो मुझसे कहा गया कि यहां कव्वाली नहीं चलेगी."
मंजरी ने कहा कि उन्हें प्रस्तुति के लिए 45 मिनट का समय दिया गया था और ये पूर्व निर्धारित था, फिर भी उनकी प्रस्तुति रोकी गई और कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया. मंजरी का कहना है कि इससे पहले अपने दो दशक के करियर में इस तरह की चीज का सामना उन्होंने नहीं किया है.
इस कथित घटना के कुछ घंटों बाद मंजरी ने एक फेसबुक पोस्ट में भी इसके बारे में लिखा. उन्होंने फेसबुक पर कहा, "ये शो मेरी यादों में हमेशा के लिए रह जाएगा. इसके बारे में और ज्यादा बाद में लिखूंगी."
घटना से संबंधित अधिकारी इस पर टिप्पणी करने से बचते रहे. एक सरकारी प्रवक्ता ने इन आरोपों से इनकार किया और कहा कि प्रस्तुति को समय से पूरा करना था और इसके बाद रात्रि भोज का प्रबंध था.
उन्होंने कहा, "मंजरी चतुर्वेदी दो प्रस्तुति दे चुकी थीं और तीसरी चल रही थी. चूंकि कार्यक्रम देर से शुरू हुआ और ब्रज प्रस्तुति भी होनी थी, इसलिए हम चाहते थे कि सभी कलाकारों को अवसर मिले. इस वजह से प्रस्तुति रोकी गई."
प्रवक्ता ने कहा कि प्रस्तुति को संगठनात्मक बाध्यताओं की वजह से रोका गया और इसे किसी धार्मिक या भाषाई पूर्वाग्रह की वजह से नहीं रोका गया.
(इनपुट- IANS)
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