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केदारनाथ के कपाट 6 महीने के लिए बंद होने से पहले की मनोरम तस्वीरें

6 नवंबर को यमुनोत्री धाम के कपाट भी बंद हो जाएंगे.

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उत्तराखंड के केदारनाथ धाम के कपाट भैया दूज के अवसर पर शीतकाल के लिए बंद हो गए हैं. कपाट अगले छह महीनों के लिए बंद रहेंगे. सर्द मौसम में भी बड़ी संख्या में तीर्थयात्री, देवस्थानम बोर्ड, जिला प्रशासन, तीर्थ पुरोहित और स्थानीय श्रद्धालु कपाट बंद होने के साक्षी बने. सेना के बैंड बाजों की भक्तिमय धुनों के साथ कपाट बंद होने के बाद, पंचमुखी विग्रह मूर्ति विभिन्न पड़ावों से होते हुए शीतकालीन गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में विराजमान होंगे.

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सुबह 6 बजे पुजारी बागेश लिंग ने केदारनाथ धाम के दिगपाल भगवान भैरवनाथ जी का आव्हान कर धर्माचार्यों की उपस्थिति में स्यंभू शिव लिंग को विभूति और शुष्क फूलों से ढककर समाधि रूप में विराजमान किया, और सुबह 8 बजे मुख्य द्वार के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए.

शीतकालीन गद्दी स्थल पर होंने विराजमान

बर्फ की सफेद चादर ओढ़े श्री केदारनाथ धाम से पंच मुखी डोली ने सेना के बैंड-बाजों की धुनों के बीच मंदिर की परिक्रमा कर विभिन्न पड़ावों से होते हुए शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ की ओर प्रस्थान किया.

केदारनाथ धाम के कपाट बंद होते समय उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड के सदस्य मौजूद रहे. देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डॉ हरीश गौड़ ने बताया कि कपाट बंद होने के बाद भगवान केदार की पंचमुखी डोली ने मंदिर की परिक्रमा के बाद जय श्री केदार के उदघोष के बाद पहले पड़ाव रामपुर के लिए प्रस्थान किया. 7 नवंबर डोली विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी प्रवास हेतु पहुंचेगी. 8 नवंबर को भगवान केदार की पंचमुखी डोली के पंच केदार गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ विराजमान हो जाएगी. इसी के साथ भगवान केदार की शीतकालीन पूजाएं शुरू हो जाएंगी.

मुख्यमंत्री, राज्यपाल ने दी कपाट बंद होने की शुभकामनाएं

प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, राज्यपाल महामहिम गुरूमीत सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, सहित प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, चारधाम विकास परिषद पूर्व उपाध्यक्ष आचार्य शिव प्रसाद ममगाई ने धामों के कपाट बंद होने पर शुभकामनाएं दी.

बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे

चार धामों में 4 नवंबर को गंगोत्री धाम के कपाट बंद हो गए. 6 नवंबर को यमुनोत्री धाम के कपाट भी बंद हो जाएंगे. शीतकाल के लिए 20 नवंबर को बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होंगे. 22 नवंबर को द्वितीय केदार मद्महेश्वर के कपाट बंद होंगे. मद्महेश्वर भगवान की विग्रह डोली के 25 नवंबर को शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचने की तिथि पर मद्महेश्वर मेला आयोजित होगा.

उत्तराखंड के चारों धामों में साढ़े चार लाख से ज्यादा तीर्थ यात्री पहुंचें, जिनमें दो लाख चालीस हजार से ज्यादा भगवान केदार के दर्शन को पहुंचे.

5 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी केदारनाथ मंदिर में दर्शन किए थे. पीएम ने श्री आदि शंकराचार्य की प्रतिमा और समाधि का भी उद्घाटन किया था और कई परियोजनाओं का लोकार्पण किया था.

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