केरल (Kerela) के अलाप्पुझा (Alappuzha) में 22 मई को ए आर राजू (A R Raju) नाम के युवक ने 17 साल तक अपने बेटे के लिए इंसाफ की लड़ाई लड़ने के बाद अंत में आत्महत्या कर ली. 18 मई को उनके सात साल के बेटे को अलाप्पुझा में अपने घर के पास एक खेल के मैदान से लापता हुए 17 साल हो गए थे. सीबीआई ने उनके बेटे की मौत के मामले में लंबी जांच पड़ताल के बाद क्लोजर रिपोर्ट जारी की थी, जिसे कोर्ट ने मान लिया था.
पुलिस ने कहा- ये आत्महत्या का मामला
पुलिस ने पुष्टि की कि यह आत्महत्या का मामला है, हालांकि वे अभी तक कारण का पता नहीं लगा पाए हैं, और उन्होंने इसे बेटे के मामले से नहीं जोड़ा है.
राजू के पड़ोसी एम एस मुजीब ने कहा, “राजू नौकरी की तलाश में था क्योंकि उसका परिवार उसकी पत्नी मिनी की मामूली आय पर जीवित था, जो एक सहकारी फर्म के साथ पार्ट टाइम जॉब करती है. वह हाल ही में एक इंटरव्यू देने के लिए कोच्चि गया था.''
राहुल 18 मई 2005 को लापता हो गया था, तब राजू कुवैत में एक निजी फर्म में काम करता था. राहुल के पिता राजू ने तुरंत अपनी नौकरी छोड़ दी और अगले दिन अपने बेटे की तलाश में लौट आए. इस मामले की जांच राज्य पुलिस, क्राइम ब्रांच और सीबीआई की तीन टीमों ने सालों तक की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.
इतने समय तक राजू और मिनी अपने घर में लड़के के नाम पर अपने बेटे के कॉल करने का इंतजार करते रहे. वे अपने लैंडलाइन से जुड़े रहें क्योंकि उन्होंने कहा कि राहुल को नंबर पता है. राहुल के लापता होने के पांच साल बाद मिनी ने शिवानी नाम की एक बेटी को जन्म दिया.
अंत में सीबीआई के हाथ कुछ नहीं लगा
2009 में सीबीआई ने मामले को बंद करने की अनुमति के लिए अदालत का रुख किया, लेकिन उन्हें "वैज्ञानिक जांच" करने के लिए कहा गया . कुल मिलाकर, सीबीआई ने राहुल के पड़ोस में दो दर्जन से ज्यादा लोगों से पूछताछ की और यहां तक कि एक पड़ोसी रोजो जॉर्ज का पॉलीग्राफ टेस्ट भी कराया.
लेकिन कुल मिलाकर सीबीआई को कोई बड़ी कामयाबी नहीं मिल पाई जांच के बीच में इस मामले ने एक मोड़ ले लिया जब कृष्णा पिल्लई के रूप में पहचाने जाने वाले एक व्यक्ति, जिसे एक नाबालिग लड़की का यौन शोषण और हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, उसने दावा किया कि उसने राहुल की हत्या की थी. पिल्लई ने पूछताछ के दौरान दावा किया कि उसने अलाप्पुझा नगरपालिका क्षेत्र में दलदली भूमि के एक हिस्से में लड़के के शरीर को ठिकाने लगा दिया था.
लेकिन पूरे इलाके में तलाशी लेने पर कुछ नहीं निकला. 2014 में, सीबीआई ने कोच्चि में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने अपनी क्लोजर रिपोर्ट प्रस्तुत की. रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया गया. और अब रविवार को राजू ने अपने घर के अंदर फांसी लगा ली, जब उसकी पत्नी और बेटी बाहर थे.
(न्यूज इनपुट्स - इंडियन एक्सप्रेस)
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