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सोशल मीडिया को लेकर केरल HC की आचार संहिता, फैसले की निंदा नहीं 

केरल हाईकोर्ट ने सोशल मीडिया पर अपने स्टाफ सदस्यों की गतिविधियों की निगरानी के लिए जारी की आचार संहिता

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केरल हाईकोर्ट ने सोशल मीडिया और अन्य पब्लिक प्लेटफॉर्म पर अपने स्टाफ और अधिकारियों की भागीदारी और इस्तेमाल को लेकर एक आचार संहिता जारी की है.

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केरल हाईकोर्ट ने यह आचार संहिता 30 मार्च को जारी की है. खास बात है कि हाईकोर्ट के नोटिफिकेशन में कहा गया है कि इस आचार संहिता के तहत सोशल मीडिया पर कोर्ट के निर्णय, जज या न्यायपालिका की निंदा करने पर प्रतिबंध है.

रजिस्ट्रार जनरल सोफी थॉमस द्वारा जारी ज्ञापन में यह साफ किया गया है कि आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

HC ने अधिकारियों से सोशल मीडिया अकाउंट्स का ब्योरा सौंपने को कहा

22 मार्च को केरल हाईकोर्ट की प्रशासनिक समिति ने इस आचार संहिता को मंजूरी दी थी. इस आचार संहिता में कहा गया कि हाईकोर्ट के सभी अधिकारी और सदस्य सोशल मीडिया का इस्तेमाल अपमानजनक और गैर जिम्मेदार बयानों के लिए नहीं करेंगे, जो कि सरकार और उसके संस्थान, मंत्री, अधिकारी, विभागों के मुखिया, जज, राजनेता और सोशल एक्टिविस्ट के खिलाफ हो.

हाईकोर्ट और जिला न्यायपालिका के सदस्यों को इस संबंध में अपने ईमेल एड्रेस और सोशल मीडिया अकाउंट्स की जानकारी घोषित करने को कहा गया है, साथ ही किसी फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट्स का इस्तेमाल करने से बचने को कहा गया है.

मेमोरेंडम के अनुसार, इस संबंध में एक निगरानी विभाग बनाया जाएगा, जो कि कोर्ट के ऑफिस में रखे कंप्यूटर, गैजेट्स द्वारा सोशल मीडिया के दुरुपयोग को लेकर देखरेख करेगा.

इस आचार संहिता में यह भी कहा गया है कि, हाईकोर्ट और जिला न्यायपालिका के सभी सदस्य सोशल मीडिया पर किसी भी विषय या प्रोपेगेंडा को लेकर राय व्यक्त करने में सावधानी बरतें, जो कि किसी भी संस्कृति, समुदाय, समाज या धार्मिक संगठन के खिलाफ न हो.

इसके अलावा हाईकोर्ट के मेमोरेंडम में निम्न बातों की मनाही है:

  • किसी भी व्यक्ति, संगठन, अधिकारी, सामाजिक-सांस्कृतिक या राजनीतिक व्यक्ति के खिलाफ सोशल मीडिया पर अपमानजनक टिप्पणी.
  • हाईकोर्ट की अनुमति के बिना कोर्ट की कार्यवाही, आधिकारिक एक्शन, रिकॉर्ड, ऑफिस फाइल का डेटा सोशल मीडिया पर प्रकाशन और किसी भी मामले पर ब्लॉग प्रकाशित करने पर प्रतिबंध है.
  • ऑफिस के काम के अलावा, वर्किंग टाइम में प्रतिबंधित साइट्स का इस्तेमाल या व्यक्तिगत मामलों को लेकर आधिकारिक साइट्स से टिप्पणी करने पर प्रतिबंधित है.
  • सोशल मीडिया के ऐसे किसी भी इस्तेमाल पर प्रतिबंध है, जिससे वर्किंग टाइम बर्बाद हो.
  • कंप्यूटिंग, डेटा हैकिंग या किसी अन्य गतिविधियों के लिए मोबाइल फोन, टैबलेट, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण का इस्तेमाल करने पर मनाही है.
  • सोशल मीडिया पर अपमान, आपत्तिजनक और भेदभावपूर्ण भाषा के इस्तेमाल पर प्रतिबंध होगा.

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