ADVERTISEMENTREMOVE AD

पुंछ:72 घंटे में 7 जवान शहीद, आतंकी संगठन JKGF ने ली जिम्मेदारी, चिपकाए पर्चे

दिसंबर 2020 से इलाके में अचानक से आतंकवादी हमला बढ़ गया है.

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

राजौरी के पुंछ (Poonch) इलाके में 11 अक्टूबर की सुबह भारतीय सेना के पांच जवानों की शहादत ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया. अपने साथियों पर हमला करने वाले आतंकियों की तलाश में निकले जवानों पर दो दिन बाद ही एक बार फिर हमला कर दिया गया और एक जेसीओ समेत 2 जवान शहीद हो गए.

एक तरफ पुंछ की गलियों से 7 जवानों के पार्थिव शरीर उनके घर भेजे जा रहे थे, तो दूसरी तरफ एक आतंकी संगठन JKGF खुलेआम इस हमले की जिम्मेदारी लेकर सेना को चैलेंज कर रहा है. यही नहीं ये संगठन एक नोटिस जारी कर खुलेआम सेना को चेतावनी दे रहा है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

JKGF के बारे में हम क्या जानते हैं?

सिर्फ 72 घंटों में सेना के 7 जवान शहीद हो गए हैं और इन पर हमले की जिम्मेदारी ली है जेकेजीएफ (JKGF) यानि जम्मू कश्मीर गजनवी फोर्स ने, जिसके बारे में कहा जाता है कि ये ग्रुप पाकिस्तान के पीओके से कश्मीर में आतंकवादी हमले को अंजाम देता है.

सूत्रों के मुताबिक FATF ब्लैकलिस्टिंग की लिस्ट में आने के डर से पाकिस्तान के कई आतंकवादी संगठनों ने नाम बदल लिए, लेकिन उनके आंतकी ऑपरेशन पहले की ही तरह ही जारी रहे. JKGF पाकिस्तान के प्रतिबंधित आतंकवादी समूह JeM (जैश-ए-मोहम्मद) का एक नया चेहरा है. जैश के पुराने हैंडलर्स ग्रुप से जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमलों को अंजाम दे रहे हैं.

जेकेजीएफ के जरिये पाकिस्तान पुंछ और राजौरी जिले में आतंकवादी हमले को अंजाम दे रहा है. 2005 के बाद पुंछ और राजौरी जिले में आतंकवादी हमले तकरीबन बंद हो गए थे और इलाके में शांति का माहौल था, लेकिन दिसंबर 2020 से इलाके में अचानक से आतंकवादी हमला बढ़ गया है.

पाकिस्तान की शह पर हो रहे हैं हमले?

दिसंबर 2020 में पुंछ में जेकेजीएफ के 2 आतंकवादी मारे गए थे, सितंबर-अक्टूबर 2021 में 3 अलग-अलग मुठभेड़ों में राजौरी जिले में 4 आतंकवादी मारे गए. पुंछ के रहने वाले कुरैशी, जो करीब 70 सालों से इसी इलाके में हैं बताते हैं कि कैसे 1990 के दशक में यहां आतंक का गढ़ हुआ करता था.

1990 के दशक में जब यहां आतंकियों का खौफ था. उस वक्त पुंछ और राजौरी से कई लोगों ने आतंकी संगठन ज्वाइन किए और पाकिस्तान चले गए, ये लोग अभी भी पीओके में मौजूद आतंकवादी समूह का हिस्सा हैं. उन लोगों की मदद से पुंछ और राजौरी में दोबारा आतंकवाद पनपने लगा है.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

कश्मीर के स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, पिछले कुछ महीनों में जेकेजीएफ के कई कार्यकर्ता गिरफ्तार हुए हैं. जेकेजीएफ के जरिए पाकिस्तान, पुंछ में आतंकवाद फैलाकर इस ग्रुप को नया चेहरा देना चाहता है. इस ग्रुप ने 11 अक्टूबर के हमले के बाद खुलेआम इस हमले की जिम्मेदारी लेते हुए उर्दू में एक डॉक्यूमेंट जारी किया है-

ADVERTISEMENTREMOVE AD

डॉक्यूमेंट में लिखा है-

'पुंछ में काबिज भारतीय फौज के काफिले पर हमले की जिम्मेदारी कुबूल करते हैं- 'जम्मू कश्मीर गजनवी फोर्स आज दिनांक 11 अक्टूबर 2021 को जम्मू कश्मीर गजनवी फोर्स के तीन जांबाजों ने तहसील स्रिनकोट जिला पुंछ के इलाके चमरेड़ डेरा की गली की रोड पर गश्त के दौरान भारतीय काबिज (कब्जा करने वाला) फौज के काफिले पर अचानक उस वक्त धावा बोल दिया जब वो रोजाना की गश्त पर थे. जिस के नतीजे में एक जेसीओ समेत कम से कम पांच फौजी मारे गए और बाकी जख्मी हुए. जिनमें तीन की हालत खतरे में है. ये हमला जम्मू-कश्मीर गजनवी फोर्स ने जम्मू-कश्मीर में गलत तरीके से नौजवानों को गिरफ्तार करने और जुल्म करने वालों के खिलाफ आवाज उठाने के लिए किया है. और आगे भी इस तरह के कई हमले भी उस वक्त तक जारी रहेंगे, जब तक काबिज भारतीय फौज कश्मीर से जुल्म और सितम को खत्म करके निकल नहीं जाते.'

ये आतंकी संगठन जवानों पर हमले की जिम्मेदारी लेते हुए खुलेआम कश्मीर से वापस जाने की चेतावनी भी दे रहा है. इस हमले और खुलेआम जिम्मेदारी लेने के इस वाकये ने एक बार फिर पाकिस्तान का दोहरा चेहरा उजागर किया है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×