गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति ने शनिवार को बयाना में महापंचायत की और अपनी आरक्षण संबंधी मांगों को लेकर राजस्थान सरकार को एक नवंबर तक का वक्त दिया.
बयाना के अड्डा गांव में आयोजित महापंचायत में समिति के संयोजक और गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला ने कहा, “हमने जो किया वो शक्ति प्रदर्शन था. मैं सरकार को चेतावनी दे रहा हूं. शनिवार को जितने लोग आए थे, उसके हिसाब से आंदोलन करना आसान था. लेकिन मौजूदा स्थिति को देखते हुए हमने सरकार को और समय देने का फैसला किया है.’’
बैंसला ने कहा कि समाज एक नवंबर तक सरकार की कार्रवाई का इंतजार करेगा, उसके बाद भी अगर मांगों पर काम नहीं हुआ तो वह आंदोलन करेगा.
गुर्जरों की इस महापंचायत को देखते हुए बयाना, भरतपुर में चौकसी बढ़ा दी गई थी और अधिकारियों को सचेत रहने को कहा गया था. कई इलाकों में इंटरनेट भी बंद कर दिया गया था.
समिति की प्रमुख मांगों में आरक्षण को केंद्र की नौवीं अनुसूची में शामिल करवाना, बैकलॉग की भर्तियां निकालने और प्रक्रियाधीन भर्तियों में पूरे पांच फीसदी आरक्षण का लाभ दिया जाना शामिल है.
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, राजस्थान सरकार ने 26 अक्टूबर, 2018 को एक विधेयक पास कराया था, जिसमें अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कोटे को 21 फीसदी से बढ़ाकर 26 फीसदी किया गया था. दिसंबर 2018 में, राजस्थान सरकार ने गुर्जरों और चार अन्य पिछड़ी जातियों के लिए एक फीसदी आरक्षण को भी मंजूरी दी थी.
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