केरल में निपाह और कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई की अगुवाई करने वालीं केके शैलजा को मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की नई कैबिनेट में जगह नहीं मिली है. केके शैलजा केरल में कोरोना वायरस संक्रमण रोकने के लिए लगातार काम कर रही थीं. CPI(M) स्टेट कमेटी ने घोषणा की है कि कैबिनेट में सभी नए चेहरे होंगे, और केके शैलजा को पार्टी व्हिप की जिम्मेदारी दी गई है. 21 सदस्यों वाली केरल की नई कैबिनेट 20 मई को शपथ लेगी.
“सभी मौजूदा मंत्रियों को हटा दिया गया है, जिसमें स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा भी शामिल हैं. पार्टी ने एमबीर राजेश को बतौर स्पीकर उम्मीदवार और केके शैलजा को पार्टी व्हिप के तौर पर चुना है. टीपी रामकृष्णन को संसदीय दल के सचिव के रूप में भी नियुक्त किया गया है.”CPI(M) स्टेट कमेटी
केरल में ‘टीचर’ के रूप में जानी जाने वालीं केके शैलजा ने मत्तनूर विधानसभा सीट पर 61,035 वोटों के बड़े मार्जिन से जीत दर्ज की. उनकी जीत का अंतर नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री पिनराई विजयन से भी बड़ा है. इसके बावजूद नई कैबिनेट में उनका नाम नहीं होने पर लोगों ने सोशल मीडिया पर सवाल खड़े किए हैं.
निपाह, कोरोना वायरस के खिलाफ जंग
पिछले पांच सालों में केरल में स्वास्थ्य क्षेत्र में किए गए काम को लेकर केके शैलजा की दुनियाभर में तारीफ हुई है. भारत में कोरोना वायरस की पहली लहर के दौरान, केरल में संक्रमण रोकने को लेकर उनकी खूब तारीफ हुई थी. कोविड की दूसरी लहर में, जब एक्टिव केसों का आंकड़ा 3 लाख पार कर गया है, तब भी वो इस लड़ाई की अगुवाई कर रही हैं.
जून 2020 में संयुक्त राष्ट्र (UN) ने वर्ल्ड पब्लिक सर्विस डे 2020 पर पैनल डिस्कशन में शामिल होने के लिए केके शैलजा को आमंत्रित किया था. वहीं, कई मैगजीन ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में उनके योगदान को सराहा था.
2 मई को जीत के बाद केके शैलजा ने NDTV से कहा था, “मैं जो बताना चाहती हूं कि हमने अपने कार्यकाल के दौरान कई चुनौतियों का सामना किया. हमारे सामने एक विनाशकारी तूफान, बाढ़, निपाह वायरस और कोविड-19 महामारी थी, लेकिन हम हर बार इससे पार पाने में सफल रहे. लोगों ने इसे देखा और केरल में गवर्नेंस मॉडल से खुश थे और इसलिए, हमने जो काम किया है, उसके लिए हमें फिर से चुना गया है.”
सोशल मीडिया पर लोगों ने उठाए सवाल
ट्विटर पर कई लोगों ने केके शैलजा को कैबिनेट में नहीं शामिल किए जाने को लेकर सवाल खड़ा किया है.
केरल में पिनराई विजयन की अगुवाई में लेफ्ट के गठबंधन (LDF) ने 99 सीटों पर जीत हासिल की है.
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