लैंड फॉर जॉब स्कैम (Land For Jobs Scam) से जुड़े मामले में ED ने लालू यादव (Lalu Yadav) परिवार के करीबी अमित कात्याल को हिरासत में लिया है. ED ने जांच के दौरान ये कार्रवाई की है. एजेंसी ने दावा किया कि पूछताछ के लिए कात्याल को समन जारी किया था, लेकिन वो दो महीने पूछताछ से बच रहे थे. इसके बाद, ED ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के प्रावधानों के तहत उन्हें हिरासत में ले लिया.
ED के अनुसार, कात्याल आरजेडी प्रमुख के करीबी सहयोगी होने के साथ-साथ एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के पूर्व निदेशक भी हैं. एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड इस मामले में कथित "लाभार्थी कंपनी" है और इसका रजिस्टर्ड ऑफिस दक्षिण दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी स्थित एक आवासीय भवन है, जिसका इस्तेमाल तेजस्वी करते हैं.
राबड़ी सरकार में बीयर फैक्ट्री लगाने का आरोप
मीडिया रिपोर्ट्स का दावा है कि अमित कात्याल वही कारोबारी है, जिसने राबड़ी देवी की सरकार में पटना बिहटा में बीयर की फैक्ट्री लगाई थी. ED और सीबीआई का आरोप है कि इसी कारोबारी के जरिए लैंड फॉर जॉब का खेल हुआ और कात्याल की करोड़ों की संपत्ति तेजस्वी के नाम कर दी गई.
जांच एजेंसियों के मुताबिक, राबड़ी देवी के शासनकाल में अमित कात्याल की कंपनी ने बिहटा में आइसबर्ग इंडस्ट्रीज बियर फैक्ट्री लगाई थी. बाद में इसी अमित कात्याल ने अपने नाम पर एके इन्फोसिस्टम कंपनी नामक कंपनी बनाई. इस कंपनी के नाम पर अकूत संपत्ति अर्जित की गई और फिर एक दिन अचानक से लालू परिवार इस कंपनी का मालिक हो गया.
जांच एजेंसियों के मुताबिक, वर्तमान में एके इंफोसिस्टम नाम की कंपनी के सारे शेयर राबड़ी- तेजस्वी के पास हैं. इस कंपनी का काम केवल जमीन खरीदना है. एके इन्फोसिस्टम के पास 221 डिसमिल के 21 भूखंड हैं.
आरोप है कि रेलवे में नौकरी देने के नाम लालू प्रसाद यादव ने कई ऐसी जमीन ली, जिसकी रजिस्ट्री एके इंफोसिस्टम नाम की कंपनी के नाम कराई गई. बाद में ये कंपनी राबड़ी तेजस्वी की हो गयी तो जमीन भी उन्हीं का हो गया.
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