कर्नाटक (Karnataka) के चित्रदुर्ग की एक जिला अदालत ने शुक्रवार 09 अगस्त को प्रभावशाली लिंगायत मठ (Lingayat mutt chief) के प्रमुख शिवमूर्ति मुरुघ शरणारू (Shivamurthy Murugha Sharanaru) को तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है. हालांकि पुलिस ने पांच दिन की हिरासत मांगी थी.
दो नाबालिग छात्राओं के कथित यौन उत्पीड़न के आरोप में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने के एक हफ्ते बाद गुरूवार की रात को शिवमूर्ति मुरुघ शरणारू को गिरफ्तार किया गया था.
दलित संगठनों ने किया था विरोध प्रदर्शन
गिरफ्तारी पुलिस और राज्य सरकार द्वारा मामले में कथित निष्क्रियता के लिए आलोचना का सामना करने के बाद हुई. गुरु की गिरफ्तारी की मांग को लेकर कई दलित संगठनों ने गुरुवार को विरोध प्रदर्शन किया.
09 अगस्त को तबीयत खराब होने की शिकायत के बाद मुरुघ शरणारू को जांच के लिए अस्पताल ले जाया गया था. उनके मेडिकल चेकअप पूरे होने के बाद जिला अदालत ने उन्हें पुलिस हिरासत में सौंप दिया गया था.
भारतीय दलित संघर्ष समिति के संस्थापक एच प्रकाश बीरावरा, जिन्होंने चित्रदुर्ग के उपायुक्त की कार को ब्लॉक करने वाले विरोध का नेतृत्व किया, उन्होंने कहा, “हर कोई जानता है कि वह मठ के अंदर बैठा है. पुलिस को उसे गिरफ्तार करने से कौन रोक रहा है? यह साफ है कि वे दबाव के आगे झुक गए हैं.”
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, श्रद्धालुओं से मुलाकात के बाद रात करीब 10 बजे पुजारी को मठ से हिरासत में ले लिया गया. उन्हें डिप्टी एसपी कार्यालय ले जाया गया. उनके खिलाफ पुलिस पहले ही लुक आउट सर्कुलर जारी कर चुकी है. 26 अगस्त को मैसूर पुलिस ने शिवमूर्ति मुरुघा शरणारू के खिलाफ POCSO अधिनियम और IPC की धारा 376 के तहत बलात्कार से संबंधित शिकायत दर्ज की थी.
लड़की शिकायतकर्ताओं ने राज्य बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के सदस्यों को बताया था कि जनवरी 2019 और जून 2022 के बीच उनका यौन उत्पीड़न किया गया था. बाद में मामला चित्रदुर्ग पुलिस को ट्रासंफर कर दिया गया था.
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