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Qलखनऊ: नोएडा में कोरोना के 3 नए केस, रिहाई चाहते हैं डॉ. कफील

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राज्य
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नोएडा में कोरोनावायरस संक्रमण के तीन नए केस, कुल 14 मामले

नोएडा में कोरोना वायरस के लिए की गई जांच में तीन और व्यक्तियों को इसके संक्रमण का पता चलने के बाद, गुरुवार को इस वायरस से प्रभावित मरीजों की कुल संख्या 14 हो गई है. इनमें से एक मरीज ठीक होकर कल घर वापस जा चुका है. गौतम बुद्ध नगर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अनुराग भार्गव ने बताया कि गुरुवार की सुबह कुछ नई टेस्ट रिपोर्ट आई हैं. इनमें नोएडा के तीन और लोगों को कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है. डा भार्गव ने ‘‘ इनमें सेक्टर 150 में रहने वाले पति- पत्नी तथा सेक्टर 135 के एक होटल में ठहरा एक युवक शामिल है. सेक्टर 150 में रहने वाले पति पत्नी हाल ही में विदेश से लौटे थे. उनके रक्त का नमूना लेने के बाद उन्हें घर में ही अलग रखा गया था. अब उन्हें ग्रेटर नोएडा के जिम्स अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है.‘‘

उन्होंने बताया कि सेक्टर 150 की उस सोसाइटी को 3 दिनों के लिए सील कर दिया गया है जहां यह दंपत्ति रहते हैं. सोसायटी को संक्रमण मुक्त किया जा रहा है.सीएमओ ने बताया कि सेक्टर 135 स्थित होटल को भी 3 दिन के लिए सील कर उसे संक्रमणमुक्त किया जा रहा है और वहां ठहरे सभी लोगों को अपने कमरे में ही रहने का निर्देश दिया गया है.

सीएमओ ने बताया कि 3 मरीजों के और कोरोना वायरस संक्रमित पाए जाने के बाद गौतम बुद्ध नगर में कोरोना वायरस से प्रभावित मरीजों की संख्या 14 हो गई है. इनमें एक मरीज उपचार के बाद ठीक हो गया, जिसे उसके घर भेज दिया गया है. एक मरीज का दिल्ली में इलाज चल रहा है.

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कोरोनावायरस मरीजों की सेवा के लिए रिहाई चाहते हैं डॉ. कफील

सीएए, एनपीआर और एनपीए के विरोध के दौरान अलीगढ़ विश्वविद्यालय में पिछले साल 13 दिसम्बर को कथित रूप से भड़काऊ भाषण देने के आरोप में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत मथुरा के जिला कारागार में बंद गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्रवक्ता और बालरोग विशेषज्ञ डॉ. कफील खान ने कोरोना वायरस संकट से निपटने के लिए सरकार के प्रयासों की तारीफ की है और उसके तीसरे चरण में पहुंचने की आशंका प्रकट करते हुए उससे बचने के उपाय सुझाए हैं. डॉ. खान ने इसके लिए प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कोरोना वायरस के मरीजों की सेवा करने के लिए रिहाई की भी मांग की है.

उन्होंने प्रधानमंत्री को चेताने का प्रयास किया है कि चूंकि भारत की स्वास्थ्य सेवाएं वैसी नहीं हैं कि अगर वह कोरोना संकट के तीसरे चरण में पहुंचता है तो वह दक्षिण कोरिया के समान बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं एवं योजनाबद्ध तरीके से इस संकट से बच निकले, ऐसे हमें जो कुछ करना है, वह इसी समय किया जाना चाहिए. अन्यथा हालात बेकाबू होने में देर नहीं लगेगी.

उन्होंने लिखा है,‘‘गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से बच्चों की मौत मामले में जेल से रिहाई के बाद मैंने बिहार में चमकी, यूपी के मस्तिष्क ज्वर, केरल-असम एवं बिहार में बाढ़ के दौरान, झारखण्ड-हरियाणा-छत्तीसगढ़-पश्चिम बंगाल-कर्नाटक आदि राज्यों में कुपोषण की जंग, स्वाइन फ्लू या एच1एन1 के मरीज हों, सभी का इलाज किया. मेरा रिसर्च वर्क राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय जर्नलों में प्रकाशित हो चुका है और स्वास्थ्य मंत्री द्वारा चुने गए देश के 25 बालरोग विशेषज्ञों में भी मेरा नाम सम्मिलित किया गया है." उन्होंने प्रधानमंत्री से निवेदन किया है कि वह उनकी रिहाई सुनिश्चित करके उन्हें भी कोरोना पीड़ित मरीजों की सेवा करने का मौका दें.

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यूपी के सांसद ने क्षेत्र के लोगों के लिए दिखाई दरियादिली

एक तरफ जहां कोरोना वायरस के डर से लोग दिल्ली से पलायन कर रहे हैं और लॉकडाउन की वजह से कोई भी कहीं न तो जा पा रहा है और न आ पा रहा है, लोग घरों में किसी को पनाह देने से गुरेज कर रहे हैं, ऐसे में उत्तर प्रदेश में आगरा के सांसद और प्रदेश के पूर्व मंत्री एस.पी. सिंह बघेल ने दरियादिली दिखाई है. सांसद ने एक पत्र लिखकर आगरा की जनता को यह बताने की कोशिश की है कि जो लोग लॉकडाउन की वजह से दिल्ली में फंस गए हैं, आगरा नहीं पहुंच पा रहे हैं, वे उनके सरकारी बंगले 7, कामराज लेन में जाकर वहां ठहर सकते हैं. उनके खाने और रहने की मुकम्मल व्यवस्था की जाएगी.

बघेल ने पत्र में लिखा है, “यह बंगला आपका दिलाया हुआ, यानी जनता का दिलाया हुआ है और यह आपको ही समर्पित किया जा रहा है. यह आगरा हाउस है और इसे आगरा की जनता आराम से इस्तेमाल कर सकती है.”

कोरोना वायरस जहां मनुष्य को मनुष्य से दूर करने की वजह बन रहा है, वहीं आगरा के सांसद प्रो. बघेल ने वैसे लोगों के लिए राहत का पैगाम लाया है, जो लॉकडाउन की वजह से दिल्ली में अपना आशियाना तलाश रहे हैं.

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यूपी से पैदल बिहार जा रहे 16 युवाओं को रेस्क्यू किया गया

उत्तर प्रदेश पुलिस ने 16 ऐसे युवाओं को पकड़ा है, जो वाराणसी से समस्तीपुर तक पैदल जा रहे थे, इसके लिए वो रेलवे ट्रैक के साथ चल रहे थे. युवाओं को ऐसा कदम लॉकडाउन के कारण उठाना पड़ा क्योंकि उनके पास घर जाने के लिए कोई परिवहन सुविधा नहीं थी. वे केरल के कालीकट में काम करते हैँ और रेल सेवा बंद होने से पहले किसी तरह ट्रेन से झांसी तक पहुंच गए थे. एक युवा ने पुलिस को बताया, "झांसी से हमने ट्रक में लिफ्ट ली और वाराणसी तक पहुंचे लेकिन इसके बाद हमें कोई साधन नहीं मिला. ऐसे में पैदल चलने के सिवाय हमारे पास कोई विकल्प नहीं था."

ये लड़के जब कुचमन रेलवे स्टेशन पहुंचे तो यहां के पुलिस अधीक्षक हेमंत कुटियाल को इसकी जानकारी मिली और उन्होंने इन युवाओं को रेस्क्यू किया. एक लड़के ने कहा कि हम रेलवे ट्रेक के बगल से इसलिए चल रहे थे, ताकि हम रास्ता न भटकें.

गुरुवार को पुलिस अधीक्षक ने विशेष अनुमति लेकर इनके लिए एक गाड़ी का इंतजाम किया और अब इन्हें इनके घर भेजा जा रहा है. इसी तरह की एक अन्य घटना में मेरठ पुलिस ने एक श्रमिक को रेस्क्यू किया है जो अपनी पत्नी और 4 बच्चों के साथ भोजन की तलाश में पैदल चलकर जा रहे थे. बच्चों सहित इस पूरे परिवार ने पिछले 48 घंटों से कुछ नहीं खाया था. कंकेरखेरा के थाना अधिकारी बिजेंदर राणा ने कहा, "पूरा परिवार बुरी हालत में था. लेकिन वो समय पर पहुंच गए. हमने उन्हें खाना दिया और कुछ पैसे भी दिए."

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महिला ने 3 मासूम बच्चों को कुंए में फेंका, 2 मरे
उत्तर प्रदेश में सोनभद्र जिले के बीजपुर थाना क्षेत्र में एक मानसिक बीमार महिला ने अपने तीन मासूम बच्चों को कथित रूप से कुंए में फेंक दिया. इनमें दो बच्चों की मौत हो गई है. बीजपुर के थाना प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) श्यामबहादुर यादव ने गुरुवार को बताया कि पिंडारी गांव पंचायत के कोहरमरा टोला निवासी मानसिक बीमार महिला देवंती देवी अपने तीन बच्चों अन्नू (6) अनुज (3) और दीपांशु (1) को घर से कुछ दूरी पर बने कुंए में फेंक दिया और बच्चों के कुंए में गिरने की अफवाह फैलाकर गांव से फरार हो गई.

उन्होंने बताया, “ग्रामीणों की मदद से तीनों बच्चों को कुंए से बाहर निकालकर अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने अनुज और दीपांशु को मृत घोषित कर दिया और प्राथमिक उपचार के बाद अन्नू को घर भेज दिया.”

उन्होंने बताया, "महिला मानसिक रूप से बीमार बताई जा रही है. महिला का पति विजय चेन्नई में एक निजी कंपनी में काम करता है और महिला घर में अपने बुजुर्ग सास-ससुर व बच्चों संग रहती है." यादव ने बताया कि इस संबंध में महिला के खिलाफ एक मुकदमा दर्जकर दोनों बच्चों के शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेजे गए हैं, फरार महिला की तलाश की जा रही है.

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