आजम खान, उनकी पत्नी और बेटे को जेल भेजा गया
समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान, उनकी पत्नी तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम को कोर्ट के आदेश पर बुधवार को जेल भेज दिया गया. इन सभी को 2 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया है. आजम के खिलाफ अदालत ने कुर्की वारंट जारी कर दिए थे. यह वारंट अब्दुल्ला आजम के दो बिर्थ सर्टिफिकेट बनवाने से संबंधित मुकदमे में जारी किए गए थे. बुधवार को इस मामले में आजम, उनकी पत्नी व रामपुर से विधायक तंजीन फातिमा और बेटे ने सरेंडर कर दिया.
कोर्ट ने मंगलवार को तीनों के कुर्की वारंट के साथ ही गिरफ्तारी के लिए गैर जमानती वारंट भी जारी किए थे. यह मुकदमा बीजेपी नेता आकाश सक्सेना ने पिछले साल दर्ज कराया था, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि अब्दुल्ला के दो जन्म प्रमाण पत्र बनवाए गए हैं. एक जन्म प्रमाण पत्र रामपुर से तो दूसरा लखनऊ से जारी किया गया है.
एडवोकेट राम औतार सिंह सैनी ने बताया, "मुनादी के बाद भी हाजिर न होने पर कोर्ट ने सांसद आजम, विधायक डॉ. तंजीन और बेटे अब्दुल्ला आजम की संपत्ति कुर्क करने के आदेश दिए हैं. मामला अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाणपत्र होने का है.”
आजम को जेल भेजे जाने पर योगी बोले- गंदगी साफ कर रहे हैं
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फर्जी जन्म प्रमाणपत्र मामले में बुधवार को जेल भेजे गए समाजवादी पार्टी सांसद आजम खां का नाम लिए बिना उनकी तरफ इशारा करते हुए कहा, "हम गंदगी को साफ कर रहे हैं, चाहे वह किसी भी रूप में हो." मुख्यमंत्री योगी ने विधानसभा में वित्तवर्ष 2020-21 के लिए पेश बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा, "हमने तो भेदभाव नहीं किया. बिजली यहां आएगी, यहां नहीं आएगी. हमारे मंत्री ने पूछा कि रामपुर में बिजली आएगी या नहीं आएगी. मैंने कहा कि जैसे पहले आती थी, वैसे ही आएगी.
उन्होंने किसी का नाम लिए बगैर कहा, "बिजली तो अब बहुत चमक रही है वहां (रामपुर) पर. बहुत तेजी से चमक रही है. जब बिजली चमकती है तो फालतू वायरस नहीं पैदा होते. हम गंदगी साफ कर रहे हैं."
योगी ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा, “वायरस गंदगी में ही पैदा होते हैं. हम उसी को दूर कर रहे हैं. उस तरह की सारी चीजों को एक साथ साफ करने का अभियान भी चल रहा है. स्वच्छ भारत अभियान में शौचालय के साथ-साथ उस गंदगी को भी साफ किया जा रहा है. किसी भी रूप में गंदगी हो, हम उसको साफ कर रहे हैं.”
इस पर सत्तापक्ष के सदस्यों ने ठहाके लगाए. समझा जाता है कि योगी का यह इशारा रामपुर से सपा सांसद आजम खां, उनकी विधायक पत्नी तजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला की फर्जी जन्म प्रमाणपत्र मामले में जेल भेजे जाने के घटनाक्रम की तरफ था.
बता दें कि रामपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खां, उनकी विधायक पत्नी तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम को फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनवाने के मामले में अदालत के आदेश पर बुधवार को दो मार्च तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया.
CAA पर हिंसा करने वालों को माफ नहीं किया जाएगा : योगी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दिल्ली में हुई हिंसा पर जमकर बरसे. उन्होंने कहा कि आखिर नागरिकता संशोधन कानून को लेकर इतना बवाल क्यों है? आगजनी कर निर्दोष लोगों को निशाना बनाकर वे लोग क्या चाहते हैं? इन्हें माफ नहीं किया जाएगा. विधानसभा के बजट सत्र के दौरान राज्यपाल के अभिभाषण पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्षी दलों पर जमकर निशाना साधा. योगी ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून के नाम पर विरोध प्रदर्शन अनावश्यक है. यह नागरिकता देने का कानून है. प्रधानमंत्री बार-बार कह चुके हैं, इससे किसी से नागरिकता नहीं जाने वाली है. यह कानून 1955 में कांग्रेस सरकार ने बनाया था, इसमें सिर्फ नागरिकता देने के लिए 11 वर्ष के जगह पर 5 वर्ष का नियम किया गया है. आखिर देश की छवि आप लोग क्यों खराब करना चाहते हैं? आगजनी कर निर्दोष लोगों को निशाना बनाकर वे लोग क्या चाहते हैं? इन्हें माफ नहीं किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि पूरे देश में सीएए के नाम पर लोगों को गुमराह कर रहे हैं. इससे समाज की अपूरणीय क्षति हो रही है. इसके लिए आने वाली पीढ़ी माफ नहीं करेगी. ये देश के संविधान के साथ धोखा कर रहे हैं. लोगों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.
योगी ने कहा, "निराश्रित गौवंश के साथ-साथ नस्ल सुधार की दिशा में हम आगे पढ़ रहे हैं. जो लोग पहले गौवंश की तस्करी करवाते थे, उन्हें कटवाते थे तो उन्हें बुरा लगना स्वाभाविक है कि हम गौआश्रय बनवाते हैं, लेकिन हम प्रदेश में गौतस्करी नहीं होने देंगे, अवैध बूचड़खाने भी नहीं चलने देंगे और गौमाता को किसी कसाईखाने नहीं जाने देंगे."
विपक्ष पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा, "पिछले 15 वर्षो से पूरा प्रदेश संकीर्ण मानसिकता और नकारात्मकता में जकड़ा हुआ था. हमने राज्य के लोगों को इससे बाहर निकाला है. राज्य सरकार पर मजहब के आधार पर काम करने का आरोप कोई नहीं लगा सकता है. जो बजट पेश हुआ है, वह सबके लिए है."
निलंबित जिलाधिकारी के खिलाफ EOW जांच का आदेश
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्नाव के निलंबित जिला अधिकारी देवेंद्र कुमार पांडे के खिलाफ दायर आरोपपत्र की जांच का आदेश आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) को दिया है. डीएम के खिलाफ बेसिक शिक्षा विभाग के समग्र स्कूल अनुदान निधि के व्यय में कथित अनियमितताओं का आरोप है. मुख्यमंत्री ने डीएम को शनिवार को सस्पेंड कर दिया था. सरकार के प्रवक्ता के मुताबिक, देवेंद्र कुमार पांडे को लखनऊ आयुक्त द्वारा की गई जांच में वित्तीय अनियमितता में दोषी पाया गया था. शुरुआती जांच में उन्हें जिला में समग्र स्कूल अनुदान निधि के व्यय में और इससे संबद्ध विभिन्न कार्यक्रमों लागू करने में गलत निर्णय लेने के लिए जिम्मेदार पाया गया.
प्रवक्ता ने बताया कि जांच में पाया गया कि योजना के तहत ज्यादातर वस्तुएं जौनपुर की एक कंपनी से मार्केट कीमतों से ज्यादा पर खरीदी गई थीं. उन्होंने कहा कि इन खरीदी गई वस्तुओं का स्तर भी निर्धारित मानकों से कम था. उन्होंने कहा कि कंपनी का वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के अंतर्गत पंजीकरण भी नहीं था.
मामले में संलिप्त जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (डीबीएसए) को पहले ही सस्पेंड किया जा चुका है. उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित स्कूलों के लिए स्वेटर, खेल की किटें, फुटवियर, मोजे, किताबें, फर्निशिंग और अन्य वस्तुओं की खरीदारी में अनियमितता पाई गई थी. एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि इस बीच कन्नौज के डीएम रवींद्र कुमार उन्नाव के नए डीएम होंगे.
शिक्षक क्लासरूम में फंदे पर लटका मिला
उत्तर प्रदेश में लखनऊ के एक सरकारी स्कूल का शिक्षक क्लासरूम के अंदर फंदे पर लटका पाया गया. राजाजीपुरम निवासी रविंद्र कुमार शुक्ला लालबाग के एक प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक के रूप में काम करते थे. कक्षा से छात्रों के निकल जाने के कुछ घंटे बाद उनका शव लटका पाया गया. स्कूल के शिक्षकों के मुताबिक, शुक्ला मंगलवार को समय पर स्कूल पहुंचे और सभी कक्षाएं लीं. छात्रों के घर जाने से पहले उन्होंने छात्रों के साथ प्रार्थना में भाग लिया. शुक्ला तब मुख्य कार्यालय गए और अपना मोबाइल फोन वहीं रखा. वह कक्षा में गए और बाहर से दरवाजा बंद करके चले गए.
कोई नहीं जानता कि उन्होंने कक्षा में कब लौट कर आत्महत्या कर ली. काफी बाद में, एक चौकीदार ने उन्हें पंखे से लटका देखा और स्कूल अधिकारियों को सूचित किया, जिन्होंने पुलिस को बुलाया.
शुक्ला को ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. उनके पास से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है. स्कूल के अन्य शिक्षकों ने कहा कि वह पेट की पुरानी बीमारियों से पीड़ित थे और शायद अवसाद के कारण ऐसा कदम उठा लिया. शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया और आगे की जांच जारी है.
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