UP में कोरोनावायरस आपदा घोषित
उत्तर प्रदेश में कोरोनोवायरस को एक माह के लिए आपदा घोषित कर दिया गया है. मंगलवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की स्वीकृति के बाद राज्य सरकार ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है. अपर मुख्य सचिव राजस्व रेणुका कुमार ने इस संबंध में मंगलवार को आदेश जारी कर दिया है. इस आदेश के आधार पर कोरोना संक्रमण के बचाव के लिए जरूरत के आधार पर एक माह में सामान खरीदे जा सकेंगे. उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार के आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 में दी गई व्यवस्था के आधार पर कोरोना संक्रमण को आपदा श्रेणी में माना गया है. इसीलिए राज्यपाल ने कोरोनावायरस को महामारी मानते हुए आपदा घोषित करने की मंजूरी दी है.
इस स्थिति में आपदा के लिए बजट में आवंटित धनराशि का प्रयोग कोरोनोवायरस के संक्रमण को रोकने में किया जा सकता है. इसमें किसी प्रकार की राहत सामग्री खरीदने के लिए टेंडर की जरूरत नहीं होगी. राहत सामग्री की खरीद में लागू शर्तो को शिथिल किया गया है.
प्रदेश सरकार द्वारा अप्रैल 2008 में जारी अधिसूचना के आधार पर आपात सामग्री खरीदने के लिए नियमों को शिथिल करते हुए यह अनुमति दी गई है. इसके आधार पर चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग के नियमों में कोरोनावायरस के उपचार और रोकथाम के लिए एक माह में सामान खरीदने की अनुमति दी जाती है.
कुमार ने कहा कि जरूरत के आधार पर सक्षम स्तर से अनुमति लेने के बाद इस समय सीमा को बढ़ाया जा सकता है.
कोरोना की जंग में उत्तर प्रदेश सरकार का सहयोगी करेगी कांग्रेस
कोरोना वायरस के खिलाफ चल रही जंग में कांग्रेस भी प्रदेश सरकार का सहयोग करने जा रही है. इसके लिए कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने पार्टी के सभी जिला और शहर अध्यक्षों को पत्र लिखकर निर्देश दिए हैं कि संकट की इस घड़ी में राजनीति से आगे बढ़कर सरकार का सहयोग करें. प्रियंका वाड्रा ने पत्र में लिखा है कि हमारा देश भी कोरोना वायरस की चपेट में आ गया है. उत्तर प्रदेश में भी कई संक्रमित लोग मिले हैं. ऐसी हालत में हमें बहुत सतर्क और जागरूक रहना होगा. प्रियंका ने कार्यकर्ताओं से कहा कि किसी को भी इसके लक्षण दिखते ही उसे इलाज कराने के लिए प्रेरित करें.
प्रियंका ने कहा है कि वार्ड और ब्लॉक स्तर पर व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर लोगों से सम्पर्क में रहें. इसके साथ ही प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को इसकी सूचना दें. पीड़ित व्यक्ति को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने में मदद करें.
प्रियंका ने कहा कि सभी कार्यकर्ता कोविड-19 से पीड़ित व्यक्ति और उसके परिवार को सही जानकारी वाट्सएप से या फिर फोन से उन तक पहुंचाएं. बीमार और बुजुर्ग व्यक्तियों की सूची बनाएं और उनकी खास मदद करें. ऐसी स्थिति में सभी का प्रयास रहना चाहिए कि लोगों तक सही जानकारी पहुंचे और अफवाहों को जनता तक पहुंचने से रोका जाए.
वाड्रा ने कार्यकर्ताओं से कहा कि सरकार द्वारा घोषित लॉकडाउन, कर्फ्यू और अन्य निर्देशों का पालन करें और इन्हें लागू करवाने में प्रशासन की मदद करें. उन्होंने कहा कि यह अभूतपूर्व संकट का समय है. ऐसे में हमें अपने स्वार्थो से ऊपर उठकर समाज की भलाई के आगे आना होगा.
कोरोना का कहर : सांसद ने 1 करोड़, 2 विधायकों ने दिए 15 लाख
वैश्विक महामारी का रूप ले चुके कोरोनावायरस के संक्रमण से निपटने के लिए जनप्रतिनिधियों ने हाथ बढ़ाना शुरू कर दिया है. बांदा और चित्रकूट जिले के स्वास्थ्य विभाग के लिए सांसद ने 50-50 लाख, बांदा विधायक ने 10 और तिंदवारी विधायक ने 5 लाख रुपये अपनी-अपनी निधियों से देने की घोषणा की है. उत्तर प्रदेश में बांदा जिले के जनप्रतिनिधि भी वैश्विक महामारी का रूप ले चुके कोरोनावायरस से निपटने के लिए हाथ आगे बढ़ा दिए हैं. इसी सिलसिले में बांदा-चित्रकूट क्षेत्र के बीजेपी सांसद आर.के. सिंह पटेल ने अपनी सांसद निधि से बांदा जिले के स्वास्थ्य विभाग को पचास लाख, बांदा विधायक प्रकाश द्विवेदी ने 10 लाख और तिंदवारी विधायक बृजेश प्रजापति ने 5 लाख रुपये अपनी निधि से आवंटित किए हैं. उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने एक माह का वेतन और अपनी निधि से एक करोड़ रुपये मास्क, सैनिटाइजर, थर्मल स्कैनर, दवाइयां व अन्य समना खरीदने के लिए दिए हैं
इन जनप्रतिनिधियों ने कहा, “अवमुक्त धनराशि से सेनिटाइजर, मास्क और आवश्यक दवाएं व उपकरण खरीदकर कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकने का प्रबंध किया जाए.”
सांसद आर.के. सिंह पटेल ने बताया, "बांदा और चित्रकूट जिले के स्वास्थ्य विभाग के लिए उन्होंने अपनी निधि से 50-50 लाख रुपये आवंटित किए हैं." इस बीच पटेल ने कहा कि कोरोना से घबराने की जरूरत नहीं है, लोग घरों में रहकर लॉकडाउन का पालन करें और सामाजिक दूरियां (सोशल डिस्टेंसिंग) बनाये रखें.
UP में छोटे कारोबारियों पर बड़ी मुसीबत बना कोरोना
कोरोनावायरस पूरे विश्व में संकट बना हुआ है. इस वायरस ने हर सेक्टर को प्रभावित किया है. उत्तर प्रदेश में खासकर इसका व्यापक असर छोटे व्यापारियों पर देखने को मिल रहा है. कोरोना छोटे किराना और सब्जी वालों पर बड़ी मुसीबत बन कर कहर बरपा रहा है. जनता कर्फ्यू के बाद जहां एक ओर माल ढोंने वाली गाड़ियों का समय से न पहुंच पाना मुसीबत बना है. लखनऊ लॉकडाउन होंने के कारण मंडियों का समय बदल गया है. जो छोटे ठेले और छोटी मंडिया है, सबसे ज्यादा उन्होंने मुसीबत खड़ी की है.
अढ़ातियों ने बताया कि लॉकडाउन की घोषणा के बाद लोगों ने मंडी बंद होने की सूचना फैला दी, जिस कारण सब्जी के दाम बढ़ गये. हलांकि थोक में यह मामूली बढ़ोतरी थी. लेकिन फुटकर दुकानदारों ने इसमें करीब 8 से 10 रूपये की बढ़ोतरी कर दी है. अढ़ातियों के अनुसार सब्जियों को लेकर मंडी आने वाले किसान व व्यापारी ने बंदी के डर से सब्जियों की खरीददारी अधिक मात्रा में कर ली है.
यूपी में पान-मसाला और गुटखा पर प्रतिबंध लगाने हो रही तैयारी
उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा कि कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए सरकार लगातार सकारात्मक प्रयास कर रही है. इसके लिए पान मसाला और गुटखा पर भी हम पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रहे हैं. ये बात अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद के साथ लखनऊ के लोकभवन में कोरोना वायरस के नियंत्रण के सम्बंध में संयुक्त प्रेस कान्फ्रेंस करते हुए कही. उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में सारी प्रशासनिक मशीनरी और सभी विभाग टीम वर्क के साथ जनता का सहयोग लेकर इस महामारी से लड़ने का प्रयास कर रहे हैं. इसके लिए पान मसाला और गुटखा पर भी हम पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रहे हैं.
अवस्थी ने कहा कि पिछले 10 दिनों में प्रदेश में विदेशों से आए व्यक्ति हमारे लिए बड़ी चुनौती हैं. हम लोगों से सीधा संवाद करके इस महामारी को समाप्त करने के लिए लगातार सकारात्मक प्रयास कर रहे हैं.
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि लॉकडाउन के अंतर्गत नियमों का पालन सख्ती से करवाया जा रहा है. अगर कहीं इसका उल्लंघन होता है, तो एपिडेमिक एक्ट की धारा 188 के अंतर्गत कार्रवाई भी की जा रही है. अब तक प्रदेश स्तर पर लगभग 350 एफआईआर कर दी गई है. कल तक लगभग 250 एफआईआर की गई थी. आज दिन में लगभग 100 एफआईआर हुई हैं.
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