बूथ सम्मेलन में कार्यकर्ताओं से नाराज योगी
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर में बीजेपी के बूथ सम्मलेन में शामिल हुए. 15 बूथों के अध्यक्षों की गैरमौजूदगी योगी को नागवार गुजरी. इसपर योगी ने नाराजगी जाहिर करते हुए कार्यकर्ताओं की खूब क्लास ली.
उन्होंने कहा, "आप लोग कागजी खानापूर्ति बंद करें. जो कार्य कर सकता है उसे सक्रिय करें. 10 मई से पहले हर बूथ पर सक्रियता हो और सभी बड़े पदाधिकारी अपने बूथ पर बैलेट पेपर लेकर घर घर जाएं."
बूथ सम्मेलन में हिस्सा लेने आए मुख्यमंत्री ने कहा कि अच्छे बूथ स्तरीय प्रबंधन से ही चुनाव जीता जा सकता है. योगी ने इसके अलावा बूथ लेवल कार्यकर्ताओं से उनके बूथ पर जीत सुनिश्चित करने के लिए कहा. उन्होंने कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए कि घर-घर जाकर बीजेपी के लिए वोट अपील करें. बता दें कि गोरखपुर संसदीय सीट के लिए सातवें और अंतिम चरण में 19 मई को मतदान होना है. मतों की गणना 23 मई को होगी.
राज बब्बर ने बीजेपी पर लगाया धोखा देने का आरोप
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर ने पार्टी के उम्मीदवार सुप्रिया श्रीनेत के पक्ष में आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए बीजेपी पर लगाया धोखा देने का आरोप लगाया.बीजेपी पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि बीजेपी ने अच्छे दिन के नाम पर गरीबों, किसानों, मजदूरों और नौजवानों को धोखा देने का काम किया.
राज बब्बर ने बगैर नाम लिए महाराजगंज के मौजूदा सांसद पर हमला करते हुए कहा कि जो व्यक्ति पिछले पांच बार से सांसद होने के बावजूद आज तक मुख्यालय तक रेल नहीं दौड़ा सका, वह जनपद का विकास कैसे कराएगा.
उन्होंने कहा, "अब समय आ गया है, जब लोग भाजपा के एक-एक धोखे का हिसाब मांग रहे हैं. बीजेपी सरकार ने जनता के अधिकारों का हनन कर बड़े-बड़े उद्योगपतियों के जेब भरे, उसका हिसाब करने के लिए जनता तैयार है और इसका फैसला भी 23 मई को आ जाएगा."
मायावती ने पीएम मोदी को कहा महामिलावटी
आजमगढ़ में महागठबंधन की महारैली में बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जम कर निशाना साधा. उन्होंने अपने भाषण के दौरान पीएम मोदी को जाति के आधार पर महामिलावटी बताया.
बता दें कि इससे पहले महागठबंधन को लेकर पीएम मोदी इसे महामिलावट वाला गठबंधन कहा चुके हैं.
बीएसपी सुप्रीमो ने कहा, "आजमगढ़ सदर लोकसभा सीट से फूट डालो राज करो की नीति के तहत निरहुआ को प्रत्याशी बनाया है. मुझे अपने कार्यकर्ताओं पर भरोसा है कि आप सभी अखिलेश यादव को यहां से जिताएंगे. प्रदेश में पांच चरणों के वोट पड़ चुके हैं. जिसकी अच्छी रिपोर्ट गठबंधन के पक्ष में मिल रही है. इस बार चुनाव में यहां हमारे लोग नमो-नमो की छुट्टी करेंगे."
मायावती ने कहा कि हमारे गठबंधन को महामिलावटी बताया जा रहा है, जबकि जाति के आधार पर पीएम नरेंद्र मोदी तो खुद महामिलावटी हैं. मायावती ने एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव को असल में पिछड़े वर्ग का बताया और कहा कि वो पीएम मोदी की तरह फर्जी नहीं हैं.
हेमा मालिनी: देश में चल रही है मोदी की लहर
बीजेपी सांसद एवं फिल्म अभिनेत्री हेमा मालिनी ने कहा कि कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दल एकजुट होकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रोकना चाहते हैं क्योंकि वह भ्रष्टाचार को रोकने में लगे हैं.
हेमा कुशीनगर संसदीय क्षेत्र से बीजेपी उम्मीदवार विजय कुमार दुबे के पक्ष में चुनावी जनसभा को संबोधित कर रही थीं. उन्होंने कहा कि मोदी के 56 इंच सीने के आगे पाकिस्तान ने घुटने टेक दिए. मोदी के मुकाबले विपक्ष के पास कोई चेहरा नहीं है. पूरे देश में मोदी की लहर चल रही है.
हेमा मालिनी ने कहा कि प्रधानमंत्री के मन में गरीबों और पिछड़ों के प्रति सच्चा दर्द है जिसके चलते वह विकास और कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में जुटे हैं. उन्होंने कहा, "मोदी के काम से देश में बदलाव आ रहा है. भ्रष्टाचार खत्म हो गया है. आपको मालूम है जब पुलवामा में आतंकी हमला हुआ तो मोदी ने मुंहतोड़ जवाब दिया. मोदी के नेतृत्व में देश विश्वगुरु बनने वाला है. मोदी को बहुत दिन प्रधानमंत्री रहना है."
फूलपुर में बीजेपी के नाक और महागठबंधन के साख की लड़ाई
इलाहाबाद से सटे फूलपुर लोकसभा सीट कभी कांग्रेस पार्टी का गढ़ कही जाती थी. इस ऐतिहासिक सीट से देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित नेहरू मरने तक सांसद रहे. साल 2014 के आम चुनाव में बीजेपी के केशव प्रसाद मौर्य ने मोदी लहर में तीन लाख से अधिक वोटों से जीत दर्ज की. लेकिन 2018 के उपचुनाव में समाजवादी पार्टी ने बहुजन समाज पार्टी के सहयोग से यह सीट बीजेपी से छीन ली.
1996 से लेकर 2004 तक हुए चार चुनावों में यहां से एसपी ने जीत दर्ज की है. मौजूदा चुनाव में कांग्रेस अपने पुराने धरोहर को फिर से जीतने के इरादे से चुनाव लड़ रही है. वहीं प्रदेश के महागठबंधन के सामने अपना गढ़ बचाने की चुनौती है.
फूलपुर लोकसभा क्षेत्र में कुल 1,913,275 मतदाता हैं। जिसमें पुरुष 1,063,897 और महिलाएं 849,194 हैं. मौजूदा चुनाव में जातीय समीकरण एक बार फिर हावी होता दिख रहा है. सभी दलों ने जातीय समीकरण के आधार पर ही उम्मीदवार उतारे हैं.
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