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MP:उद्धाटन से पहले गिरा पुल, 3 Cr की लागत, पानी का बहाव न झेल सका

यहां के वैनगंगा नदी पर बनाए गए इस पुल का उद्घाटन भी नहीं हो सका कि ये पुल नदी में बह गया.

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तीन करोड़ से ज्यादा लागत, 1 सितंबर 2018 से पुल बनाने का काम शुरू हुआ और 30 अगस्त 2020 को इसके पूरा होने की तारीख तय की गई थी. लेकिन एक दिन पहले यानी 29-30 अगस्त की दरमियानी रात को ही ये पुल तेज पानी के बहाव में बह गया. ये कोई 'स्क्रिप्ट' नहीं है. असलियत है जो मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में देखने को मिली है. यहां के वैनगंगा नदी पर बनाए गए इस पुल का उद्घाटन भी नहीं हो सका कि ये पुल नदी में बह गया.

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    29-30 अगस्त की दरमियानी रात को ही बह गया पुल(फोटो: क्विंट हिंदी)
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    इस पुल का उद्घाटन भी नहीं हो सका(फोटो: क्विंट हिंदी)
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    1 सितंबर 2018 से पुल बनाने का काम शुरू हुआ(फोटो: क्विंट हिंदी)

एक महीने पहले ही पूरा हो गया था काम

यूं तो सरकारी काम लेट लतीफी के लिए जाना जाता है लेकिन इस पुल को बनाने का काम एक महीने पहले ही पूरा हो गया था. साथ ही लोगों ने इसका इस्तेमाल करना भी शुरू कर दिया था.

क्विंट ने सिवनी कलेक्टर राहुल हरिदास से इसको लेकर बात की तो उन्होंने बताया कि ब्रिज गिरने के मामले में जांच के आदेश दे दिए गए हैं, जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
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सिवनी जिले में ही एक और पुल गिरा

बात यहीं खत्म नहीं होती. सिवनी जिले में ही एक दूसरा 4 साल पहले बना हुआ भी गिरा है. ये ब्रिज छपारा से भीमगढ़ के बीच बना था. 4 साल पहले बना ये पुल पूरी तरह से गिर गया है.

सिवनी के कलेक्टर ने बताया है कि और भी जगहों से पुल गिरने की खबरें आईं है और उन्होंने स्थाई तौर पर मरम्मत का जो भी काम हो सकता है उसे करने के आदेश दिए हैं.

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    4 साल पहले बना हुआ पुल भी गिरा(फोटो: क्विंट हिंदी)
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    ये ब्रिज छपारा से भीमगढ़ के बीच बना था(फोटो: क्विंट हिंदी)
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    (फोटो: क्विंट हिंदी)

इससे पहले बिहार में भी बाढ़ के बीच नए-नए बने पुल के ढहने का मामला सामने आया था. बिहार-मध्य प्रदेश के हालात, सरकार, अफसर अलग-अलग हो सकते हैं लेकिन देशभर का 'सिस्टम' एक जैसा ही नजर आता है.

MP के कई जिले बाढ़ की चपेट में

बता दें कि मध्य प्रदेश में हुई जोरदार बारिश ने बाढ़ के हालात पैदा कर दिए हैं. राज्य के 12 जिलों के 411 गांव बाढ़ की चपेट में है. इन गांव के लोगों को सुरक्षित निकालने का दौर जारी है. राहत और बचाव कार्य के लिए NDRF और वायुसेना की मदद ली जा रही है. राज्य के बाढ़ के हालात को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी चर्चा की और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का जायजा भी लिया.

राज्य में बीते दो दिनों से जारी बारिश के कारण नदी-नाले उफान पर हैं, वहीं विभिन्न बांधों का जलस्तर बढ़ने पर पानी की निकासी जारी है. इसके चलते नदियों के किनारे बसे इलाके बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. गांव और बस्तियां पानी की चपेट में हैं.

(सिवनी से रुपेश कोहरू के इनपुट के साथ)

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