मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के रायसेन (Raisen) जिले में आदिवासी और मुस्लिम समुदाय के बीच शुक्रवार, 18 मार्च की देर रात हुए हिंसक संघर्ष में एक की मौत हो गई जबकि 30 से अधिक लोग घायल हो गए हैं. घटना के बाद मौके पर भारी पुलिस बल तैनात है और मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार तनाव को देखते हुए प्रशासन ने क्षेत्र में इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया है.
क्या है पूरा मामला?
यह घटना शुक्रवार, 18 मार्च की है जब सिलवानी थाना क्षेत्र के खमरिया पौड़ी गांव में कुछ आदिवासी युवकों ने अपने भाई के साथ जा रही एक मुस्लिम लड़की पर कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणी की थी.
तू-तू मैं-मैं जल्द ही दोनों समुदायों के बीच हिंसक झड़प में बदल गई. दोनों पक्ष की तरफ से फायरिंग और आगजनी की खबर है, जिसके परिणामस्वरूप एक व्यक्ति, राजू आदिवासी की मौत हो गई, जबकि 30 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. तीन गंभीर रूप से घायल हैं, जिसमें से एक के आंख के पास गोली लगी है.
हिंसक झड़प में घायल हुए लोगों को सिलवानी और उदयपुरा के सरकारी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है जहां उनका इलाज चल रहा है.
झड़प के दौरान गुस्साई भीड़ ने दुकानों में तोड़फोड़ भी की और वहां मौजूद गाड़ियों में आग लगा दी. जिला प्रशासन शुक्रवार की रात ही मौके पर पहुंचा और फिलहाल इलाके में भारी संख्या में पुलिस बालों को तैनात किया गया है.
होशंगाबाद आईजी दीपिका सूरी ने बताया कि 16 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की गई है. IPC की धारा 307, आर्म्स एक्ट और SC ST एक्ट के तहत 13 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं.
CM शिवराज सिंह चौहान ने की घायलों से मुलाकात, मृतक को मुआवजे की घोषणा
सूबे के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शनिवार, 19 मार्च को इस हिंसक लड़ाई में घायल लोगों के मिलने हमीदिया हॉस्पिटल पहुंचे.
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने रायसेन हिंसा में मरे राजू आदिवासी के परिवार को 5 लाख मुआवजा राशि देने की घोषणा की जबकि गंभीर रूप से घायल दो लोगों को 2-2 लाख रुपए दिए जायेंगे.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)