इनकम टैक्स विभाग ने मध्य प्रदेश के ओरछा में स्थित राम राजा मंदिर को कारण बताओ नोटिस भेजा था. नोटिस में विभाग ने एक बड़ी कैश डिपॉजिट को लेकर सवाल किया था. इनकम टैक्स विभाग ने नोटिस में मंदिर से पूछा था कि खाते में 1 करोड़ 22 लाख 55 हजार 572 रुपये कहां से आए और इस पर टैक्स भरने के लिए कहा था.
मंदिर ने जवाब देते हुए कहा है कि रामराजा मंदिर शासकीय मंदिर है और कर के दायरे में नहीं आता.
क्या है मामला?
इनकम टैक्स विभाग ने पूछा कि वित्त वर्ष 2015-16 के दौरान 1.22 करोड़ रुपये का टैक्स डिपॉजिट कैसे हुआ है. नोटिस में कहा गया है कि इतने बड़ी ट्रांजैक्शन के बावजूद साल 2016-17 के लिए अभी तक रिटर्न नहीं भरा गया है.
नोटिस में मंदिर की बैलेंस शीट, ऑडिट रिपोर्ट, पीएंडएल अकाउंट, फाइल की गई आईटीआर और खाते में जमा 1.22 करोड़ रुपये के सोर्स की जानकारी मांगी गई है.
नोटिस के मुताबिक, ये 23 मार्च 2023 को जारी किया था, लेकिन सामने अब जाकर आया है. नोटिस में मंदिर को जवाब देने के लिए सात दिन का समय दिया गया था.
मंदिर ने कहा- 'सरकार के पास स्वामित्व'
रिपोर्ट्स के मुताबिक, मंदिर प्रशासन ने इनकम टैक्स नोटिस का जवाब देते हुए विभाग को बताया कि ये शासकीय मंदिरों की लिस्ट में आता है और इसलिए टैक्स के दायरे से बाहर है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 2010 में भी इनकम टैक्स की तरफ से नोटिस जारी हुआ था, जिसके जवाब में मंदिर को शासकीय मंदिर बताया गया था. 2023 में मंदिर ने इसी आधार पर अपना जवाब दिया है.
हालांकि, मिली जानकारी के मुताबिक, दोनों पक्षों में इसे लेकर बातचीत जारी है.
मंदिर ने कराई FD?
मीडिया में छपी रिपोर्ट्स के मुताबिक, तहसीलदार मनीष जैन ने बताया कि मंदिर ने साल 2016-17 में बैंक में 1.22 करोड़ रुपये की एफडी कराई गई थी, जिसके लिए पैसे खाते में डाले गए थे. इसी पर संज्ञान लेते हुए इनकम टैक्स विभाग ने नोटिस जारी किया, जिसका समय रहते मंदिर प्रशासन ने जवाब दाखिल कर दिया था.
ओरछा में रामराजा को दी जाती है सलामी
ओरछा कभी बुंदेला शासकों की नगरी के तौर पर पहचाना जाता था. यहां 16वीं शताब्दी में राम की प्रतिमा स्थापित की गई थी. जब से ये प्रतिमा स्थापित की गई है तब से उन्हें राजा माना गया है और नियमित तौर पर सलामी भी दी जाती है. दिन में चार बार आरती होती है और चारों बार ही रामराजा को सलामी दी जाती है.
पहले विशेष अवसरों पर खासकर राम विवाह, राम नवमी आदि मौकों पर तोप से सलामी दी जाती थी, मगर अब सिर्फ बंदूकों से सलामी दी जाती है. कोई फायर तो नहीं होता, मगर गार्ड ऑफ ऑनर पूरी परंपरा के मुताबिक दिया जाता है.
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