MP अजब है, सबसे गजब है. मध्यप्रदेश पर्यटन विभाग के इस स्लोगन की बानगी अक्सर हमें देखने को मिल जाती है. इस बार इस अजब गजब खेल में सरकारी तंत्र ने लोकतंत्र का ही मजाक बना दिया. जिसके बाद सरकारी तंत्र की मंशा पर सवाल खड़े हो रहे हैं. मामला महिला सरपंच और पंचों के शपथ लेने से जुड़ा है. दरअसल, मध्यप्रदेश में हुए पंचायत चुनाव में महिलाओं ने जीत हासिल की, लेकिन शपथ लेने पति और परिवार वाले पहुंच गए. सागर और दमोह में ऐसे ही मामले सामने आए हैं.
सागर में पत्नी ने जीता चुनाव, पति का शपथ ग्रहण
राजनीति में महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है, लेकिन कागजी तौर पर. हकीकत इससे बहुत जुदा है. अक्सर हमें सुनने में आता है कि पंचायतों में महिला जनप्रतिनिधियों की जगह उनके पति ही काम करते हैं. मीटिंग लेने से लेकर सभी फैसले पति या परिवार वाले ही करते हैं. लेकिन अब चुनाव जीतने के बाद शपथ भी महिला जनप्रतिनिधियों के पति ही ले रहे हैं.
सागर जिले की जैसीनगर पंचायत में पंच का चुनाव तो महिलाओं ने जीता, लेकिन शपथ उनके परिजनों ने ली. बता दें कि जैसीनगर पंचायत में 20 पंच हैं, जिनमें से 10 महिलाएं निर्वाचित हुए हैं. लेकिन शपथ समारोह में केवल 3 महिलाएं ही पहुंची. वहीं अन्य महिलाओं के पति, देवर या पिता ने शपथ ली.
मामला उजागर होने के बाद ग्राम पंचायत सचिव ने सफाई देते हुए कहा कि यह पहला सम्मेलन था, इस वजह से इसमें कोई परेशानी ना हो इसलिए महिला पंचों के प्रतिनिधियों को शपथ दिलाई गई है.
दमोह में भी उड़ा लोकतंत्र का मजाक
दमोह जिले के गैसाबाद पंचायत में भी ऐसा ही कुछ हुआ है. यहां भी महिला सरपंच और पंचों की जगह उनके पतियों ने शपथ ली है. मामले का वीडियो सामने आने के बाद हड़कम्प मच गया. जिला पंचायत के सीईओ अजय श्रीवास्तव ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सरपंच और पंचों को फिर से शपथ दिलाई. वहीं मामले की जांच के आदेश भी दिए हैं. श्रीवास्तव के मुताबिक ऐसा होना नियमों के खिलाफ है और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
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