मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में दंगाईयों से सख्ती से निटपने की तैयारी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) की सरकार ने पूरी कर ली है. मध्यप्रदेश लोक एवं निजी संपत्ति को नुकसान का वसूली एक्ट (MP Prevention of Damage to Public Private Property Recovery of Damages act) राजपत्र में प्रकाशित हो चुका है. राजपत्र में प्रकाशन के साथ पूरे मध्यप्रदेश में यह वसूली कानून प्रभावी हो गया है. शिवराज सरकार ने इस कनून के द्वारा एक ट्रिब्युनल बनाने का फैसला किया है. सरकारी और निजी संपत्ति का नुकसान करने वाले पत्थरबाजों से अब मध्य प्रदेश में ट्रिब्यूनल निपटेगा.
क्या कहता है मध्यप्रदेश का वसूली कानून?
मध्य प्रदेश सरकार ने लोक एवं निजी संपत्ति को नुकसान का निवारण एवं नुकसान की वसूली कानून के नियम जारी कर दिए हैं. इन नियमों के तहत सरकारी और निजी संपत्ति को दंगे या अन्य किसी तरह से हुए नुकसान का मूल्यांकन ट्रिब्यूनल करेगा.
इसके बाद ट्रिब्यूनल बाजार मूल्य के आधार पर नुकसान करने वाले से उसकी वसूली करेगा.
पूरे नियम में सबसे खास बात यह है कि ट्रिब्यूनल में सुनवाई के दौरान यदि किसी नुकसान करने वाले की मौत हो जाती है तो भी मामला समाप्त नहीं होगा बल्कि उसकी संपत्ति को बेचकर नुकसान की भरपाई की जाएगी. शनिवार को राज्य सरकार ने इसके लिए गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है.
ट्रिब्यूनल के आदेश के खिलाफ जा सकेंगे हाईकोर्ट
इस कानून के अनुसार ट्रिब्यूनल के किसी भी आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की जा सकेगी. हालांकि यह अपील 90 दिनों के अंदर करना अनिवार्य होगा.
राज्य सरकार ने ट्रिब्यूनल को अधिकार दिए हैं कि ट्रिब्यूनल कारण बताते हुए एक पक्षीय दावे का भी निराकरण कर सकेगा.
ट्रिब्यूनल पुलिस या किसी भी व्यक्ति के माध्यम से घटना के वीडियो या फोटो या सीसीटीवी फुटैज ले सकेगा. वसूली करने के लिए ट्रिब्यूनल जिला कलेक्टर की भी मदद ले सकेगा. ट्रिब्यूनल नुकसान के मूल्यांकन के लिए मूल्यांकनकर्ताओं की नियुक्त्ति करेगा जो तकनीकी रुप से योग्य हों.
ट्रिब्यूनल में एक अध्यक्ष और एक से अधिक सदस्य रह सकेंगे. ट्रिब्यूनल को साक्षियों के बयान शपथपत्र पर लेना अनिवार्य होगा.
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