भीम आर्मी के चीफ और नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे चंद्रशेखर आजाद को मुंबई में जनसभा को संबोधित करने की इजाजत नहीं मिली. मुंबई पुलिस ने उन्हें रेशिमबाग ग्राउंड में सीएए प्रदर्शन के तहत एक जनसभा को संबोधित करने की इजाजत देने से इनकार कर दिया. जिसके खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. अब बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने महाराष्ट्र सरकार और नागपुर पुलिस कमिश्नर को नोटिस जारी किया है.
हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने महाराष्ट्र सरकार से और पुलिस से चंद्रशेखर आजाद की रैली को इजाजत नहीं देने को लेकर जवाब मांगा है.
आजाद लगातार देशभर में नए नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और जनसभाओं को संबोधित कर रहे हैं. इसी के चलते उन्हें 22 फरवरी को मुंबई के रेशिमबाग में जनसभा को संबोधित करना था.
चंद्रशेखर आजाद को इससे पहले हैदराबाद में भी बोलने की इजाजत नहीं मिली थी. हैदराबाद के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस (TISS) में छात्रों को संबोधित करने पहुंचे आजाद को हैदराबाद पुलिस ने हिरासत में ले लिया था. चंद्रशेखर आजाद को हिरासत में लेने के बाद हैदराबाद पुलिस ने कहा था कि लंगरहाउस थानाक्षेत्र में आजाद ने सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन में हिस्सा लिया. लेकिन प्रदर्शनकारियों ने इसके लिए इजाजत नहीं ली थी.
दिल्ली पुलिस ने भी किया था गिरफ्तार
आजाद ने इससे पहले दिल्ली के जामा मस्जिद में भी प्रदर्शन में हिस्सा लिया था. जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने भी उन्हें गिरफ्तार कर लिया. आजाद को कई दिनों तक तिहाड़ जेल में भी रहना पड़ा. इसके बाद उन्हें कुछ शर्तों के साथ जमानत दी गई. जमानत पर बाहर आते ही आजाद कुछ दिन बाद शाहीन बाग पहुंचे. जहां उन्होंने कहा कि "सरकार नहीं सुनेगी तो अब अगले 10 दिन में शाहीन बाग जैसे 5000 प्रदर्शन स्थल बनाए जाएंगे. मैं जब जेल में था, तो दिल्ली में सर्दी ने 112 साल का रिकॉर्ड तोड़ा, लेकिन प्रदर्शन ने सब रिकॉर्ड तोड़ दिए.”
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