महाराष्ट्र में बारिश, बाढ़, भूस्खलन और मॉनसून से जुड़ी घटनाओं के कारण अब तक 112 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित रायगढ़ है, जहां मृतकों की संख्या 52 पहुंच गई है. वहीं बारिश और भूस्खलन की वजह से पिछले 3 दिनों में 99 लोग लापता बताए जा रहे हैं और करीब 53 लोग घायल हुए हैं.
इसके अलावा, रत्नागिरी, कोल्हापुर, सतारा, मुंबई और पुणे में भी अलग-अलग हादसों में लोगों की मौत हो गई है. इस तबाही के बाद सीएम उद्धव ठाकर ने खुद प्रभावित इलाकों का दौरा किया.
महाराष्ट्र के राहत और पुनर्वास मंत्री, विजय वडेट्टीवार ने बताया है कि राज्य में बारिश और मॉनसून से जुड़ी दूसरी संबंधित घटनाओं के कारण 24 जुलाई की शाम तक 136 आकस्मिक मौतें हुईं.
राज्य सरकार के मुताबिक अबतक एक लाख 35 हजार से ज्यादा लोगों को प्रभावित इलाकों से बाहर निकाला जा चुका है. अकेले कोल्हापुर में 40 हजार से ज्यादा लोग सुरक्षित स्थानों पर ले जाए गए हैं. वहीं इस तबाही की वजह से अबतक 3221 जानवरों की भी मौत हुई है.
बाढ़ प्रभावित इलाकों के दौरे पर गए मुख्यमंत्री ठाकरे
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने 24 जुलाई को राज्य के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया. ठाकरे इस दौरान महाड और तलिये गांव गए. भारी बारिश से तलिये गांव में भूस्खलन हो गया है.
राहत कार्यों के लिए सशस्त्र बलों को लगाया गया
भारतीय सशस्त्र बलों को महाराष्ट्र में बाढ़ राहत अभियान चलाने के लिए तैयार किया गया है, क्योंकि अभूतपूर्व बारिश के कारण विभिन्न नदियों में पानी का बहाव तेज हो गया है और राज्य के कई जिलों में बाढ़ आ गई है. वर्तमान में रत्नागिरी, रायगढ़, पुणे, सतारा, कोल्हापुर और सांगली जिले प्रभावित हुए हैं.
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