महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस के चूड़ी वाले बयान को लेकर राजनीति गरमा गई है. अब महाराष्ट्र सरकार में मंत्री आदित्य ठाकरे ने इस बयान पर उनसे माफी मांगने को कहा है. उन्होंने कहा है कि एक पूर्व सीएम पर ये बात शोभा नहीं देती है. लेकिन इसके बाद बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा कि आदित्य मराठी से ज्यादा इटैलियन भाषा जानते हैं. इसीलिए अधूरी जानकारी पर बात कर रहे हैं.
कैसे शुरू हुई बहस?
दरअसल मंगलवार को महाराष्ट्र बीजेपी ने महाविकास अघाड़ी सरकार के खिलाफ आंदोलन किया था. इस दौरान मुंबई के आजाद मैदान में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए पूर्व सीएम फडणवीस ने उद्धव ठाकरे सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने AIMIM नेता वारिस पठान के विवादित बयान का जिक्र करते हुए कहा कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी ने भले ही चूड़ियां पहनी हों, लेकिन बीजेपी इस मुद्दे पर चुप नहीं बैठेगी. फडणवीस के इसी बयान को लेकर आदित्य ठाकरे ने ट्विटर पर लिखा,
“देवेंद्र फडणवीस जी, आमतौर पर मैं पलटकर जवाब नहीं देता हूं. लेकिन आप अपने चूड़ी वाले बयान पर माफी मांगें. चूड़ियां हमारे देश की मजबूत महिलाएं पहनती हैं. राजनीति चलती रहेगी, लेकिन हमें ये भाषणबाजी बंद करनी पड़ेगी. ऐसा बयान एक पूर्व सीएम के लिए काफी शर्मनाक है.”आदित्य ठाकरे
आदित्य ठाकरे के इस ट्वीट के बाद बीजेपी भी हमलावर हुई और फडणवीस के भाषण का वीडियो ट्वीट किया. जिसमें उन्होंने बताया कि फडणवीस ने चूड़ियों वाला बयान महिलाओं को अपमानित करने के लिए नहीं दिया. इसमें फड़नवीस ने बचते हुए कहा था कि "चूड़ियां पहनी हैं क्या ऐसा कहना हमारी महिलाओं को अच्छा नहीं लगता इसलिए मैं इसका इस्तेमाल नहीं करूंगा."
आक्रामक दिख रहे हैं आदित्य ठाकरे
शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री पद की जिम्मेदारी संभालने के बाद से आदित्य ठाकरे हर मुद्दे पर अपनी बात रखने के लिए तैयार रहते हैं. आदित्य ने राजनीतिक मुद्दों पर भी खुलकर बोलना शुरू कर दिया है. महाविकास अघाड़ी की सरकार ने किसानों की जो कर्जमाफी की पहली सूची जारी की उसके बाद विपक्ष ने सरकार पर किसानों को धोखा देने का आरोप लगाया था. इसके बाद आदित्य ने तुरंत पलटवार करते हुए कहा था कि "जिन्होंने सत्ता में रहते हुए किसानों को कर्जमाफी के लिए लाइन में लगाया हो उन्हें हमारी सरकार पर बोलने का अधिकार नहीं है."
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)