महाराष्ट्र सरकार ने 12500 पदों के लिए पुलिस भर्ती करने की घोषणा की है. सरकार के इस फैसले का अब विरोध मराठा समाज की ओर से हो रहा है. राज्यसभा सांसद और छत्रपति सम्भजि राजे ने सरकार से कहा है कि, मराठा आरक्षण पर जब तक सुप्रीम कोर्ट की लगाई गई अंतरिम रोक नहीं हट जाती तब तक पुलिस भर्ती न की जाए. वहीं नेता विपक्ष देवेंद्र फडनवीस ने कहा है कि सरकार पुलिस भर्ती को एक महीना आगे बढ़ा सकती है. सरकार को पहले सुप्रीम कोर्ट की लगाई अंतरिम रोक को कैसे हटाया जाए इस ओर ध्यान रखना चाहिए.
महाराष्ट्र सरकार करेगी सुप्रीम कोर्ट में अपील
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की 3 जजों की बेंच ने मराठा आरक्षण के मामले को 5 जजों की संवैधानिक बेंच के पास भेज दिया है. लेकिन तब तक मराठा आरक्षण पर अंतरिम रोक भी लगा दी. सूत्रों के हवाले से जानकारी है कि महाराष्ट्र सरकार सोमवार या मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में अपील करेगी कि जब तक संवैधानिक पीठ ये मामला नहीं सुनती तब तक अंतरिम रोक के अपने फैसले में बदलाव करे.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से मराठा समाज आक्रामक है और महाराष्ट्र के कई इलाको में आंदोलन कर रहा है. सीएम उद्धव ठाकरे भी इस बात को अच्छी तरह समझते हैं. इसीलिए उन्होंने बुधवार को सर्वदलीय बैठक बुलाकर कोर्ट में किस रणनीति के साथ जाएं इस पर्व चर्चा की.
उधर गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा है कि 12% पद पुलिस भर्ती में छोड़कर बाकी की भर्ती सरकार करेगी. लेकिन देशमुख के इस बयान पर गुणरत्न सदावरते ने सुप्रीम कोर्ट में जाने की चेतावनी दी है. उन्होंने अनिल देशमुख को चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने ऐसा किया तो वो सुप्रीम कोर्ट में सरकार के खिलाफ याचिका दायर करेंगे, क्योंकि ये संविधान के विरोध में होगा, सरकार ऐसा नहीं कर सकती.
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