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पालघर में हुई साधुओं की हत्या को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश

महाराष्ट्र के पालघर में हुई घटना को लेकर सोशल मीडिया में चर्चा थमने का नाम नहीं ले रही हैं.

Published
राज्य
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महाराष्ट्र के पालघर में हुई घटना को लेकर सोशल मीडिया में चर्चा थमने का नाम नहीं ले रही हैं. इस घटना को लेकर लोग कई तरह की बातें कर रहें हैं. कोई इस घटना को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रहा है तो कोई सरकार और पुलिस की नाकामी करार दे रहा है.

कोरोना संकट के बीच जारी इस लॉकडाउन में भी राजनीतिक दल इस घटना पर सियासी बयानबाजी करने का मौका नहीं छोड़ रहे हैं. हम इस पर बात करेंगे लेकिन पहले इस घटना को समझिए.

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16 अप्रैल की रात आखिर क्या हुआ?

घटना 16 अप्रैल की रात पालघर ज़िले के गडचिचोली गांव में हुई. दरसल दो साधु- सुशील गिरी महाराज और चिकने महाराज अपने ड्राइवर निलेश के साथ एक अंतिम संस्कार में शामिल होने मुंबई से सूरत जा रहे थे.

मुंबई से सूरत जाने के लिए लोग NH-8 से सफर करते हैं, लेकिन लॉकडाउन और चेकिंग के चलते इन लोगों ने अंदर के रास्ते से जाने का फैसला किया जो साधुओं के लिए मौत का कारण बना.

सूत्रों के मुताबिक जैसे ही साधुओं की गाड़ी गडचिचोली गांव के पास पहुंची, उन्हें वन विभाग की टीम ने पूछताछ के लिए रोका,साधुओं से पूछताछ चल ही रही थी कि अचानक बड़ी संख्या में लोग वहां पहुंचे और हमला कर दिया. मौके पर मौजूद पुलिस ने भीड़ से साधुओं को बचाया, लेकिन जैसे ही थोड़ी देर बाद पुलिस इन साधुओं से फिर पूछताछ करने लगी तो फिर एक बार भीड़ ने हमला कर उनकी बुरी तरह पिटाई की, जिससे तीनों लोगों की मौत हो गई. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.

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घटना को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश

सोशल मीडिया पर घटना को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश हो रही है. जिसके बाद राज्य के गृहमंत्री ने कहा कि घटना को सांप्रदायिक कहना गलत है क्योंकि घटना में जिनकी जान गई और जिन्होंने हमला किया वो अलग- अलग धर्म के नहीं हैं.

घटना के बारे में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस ने ट्वीट कर कहा,

‘पालघर में हुई घटना हैरान करने वाली और अमानवीय है. ऐसी विपदा के समय इस तरह की घटना और भी ज्यादा परेशान करने वाली है. मैं राज्य सरकार से गुजारिश करता हूं कि वह इस मामले की हाई लेवल जांच करवाए और जो दोषी हैं उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो.’
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस

इस घटना में अब तक 110 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. उधर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि दोषियों पर कड़ी करवाई की जाएगी.

मामले पर राजनीति ना हो ऐसे कैसे हो सकता है,बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने ट्वीट कर लिखा -

महाराष्ट्र का पालघर जिला जहां संतो कि निर्मम हत्या हुई, वो डहानु विधानसभा क्षेत्र है.यह क्षेत्र CPI(M) का गढ़ है. यहां के विधायक भी कम्युनिस्ट पार्टी के हैं. CPI(M) के साथ NCP का भी गठबंधन है इस क्षेत्र में.

इसके जवाब महाराष्ट्र कांग्रेस ने कहा कि, जिस गांव में ये घटना हुई है, वो बीजेपी का गढ़ है. बताया जा रहा है कि कासा पुलिस थाने क्षेत्र के एक गांव में बच्चा चोरी की अफवाह कई दिनों से थी. इसलिए ग्रामीण रात भर पहरा दे रहे थे.

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