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PM के साथ बैठक का कोई फायदा नहीं, रेड जोन में भी मिलेगी छूट- ममता

ममता बनर्जी ने सांप्रदायिक झड़प में शामिल होने वालों पर कार्रवाई की भी बात कही 

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लॉकडाउन और कोरोना वायरस को लेकर पीएम मोदी के साथ कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने बातचीत की. लेकिन पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में तल्ख तेवर दिखाते हुए केंद्र पर कई आरोप लगाए. अब इसके ठीक एक दिन बाद ममता ने लॉकडाउन में छूट को लेकर कुछ ऐलान किए हैं. ममता ने रेड जोन में भी अलग-अलग कैटेगरी बनाकर छूट देने की बात कही है.

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कोरोना वायरस के खिलाफ जंग के बीच केंद्र सरकार और पश्चिम बंगाल की ममता सरकार के बीच भी जंग जारी है. ममता ने पीएम मोदी के साथ हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का जिक्र करते हुए कहा कि, मैंने इस बैठक में कई मुद्दे उठाए थे, लेकिन हमेशा की तरह कुछ हासिल नहीं हुआ. ममता ने बतौर मुख्यमंत्री राज्य में कई चीजों को खोलने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि,

राज्य में जितने भी रेड जोन हैं, उन्हें अलग-अलग (ए,बी,सी) कैटेगरी में बांटा जाएगा. जिसके बाद इसके आधार पर इलाकों में छूट दी जाएंगी. स्थानीय पुलिस को इसकी जिम्मेदारी दी गई है. हालांकि कंटेनमेंट जोन में कोई बदलाव नहीं किए जाएंगे.

ममता बनर्जी ने राज्य में ज्वैलरी शॉप, बीड़ी उद्योग, फिल्म इंडस्ट्री आदि को छूट देने की बात कही है. बताया जा रहा है कि 17 मई के बाद पश्चिम बंगाल में ये छूट दी जा सकती हैं. इसके अलावा सीएम ममता ने उन लोगों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई करने की बात कही है जो लॉकडाउन के दौरान किसी भी सांप्रदायिक हिंसा या झड़प का हिस्सा रहे हैं.

केंद्र पर लगाए थे आरोप

ममता बनर्जी ने पीएम मोदी के साथ मुख्यमंत्रियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान केंद्र पर जमकर हमला बोला था. उन्होंने कहा कि केंद्र राज्य सरकार को जानबूझकर टारगेट कर रहा है. ममता ने ये भी सवाल किया कि केंद्र की तरफ से पश्चिम बंगाल को भेजी गई चिट्ठी पहुंचने से पहले ही कैसे मीडिया में लीक हो जाती है?

लॉकडाउन के बीच ट्रेन और हवाई यात्रा को लेकर भी ममता ने जमकर गुस्सा जाहिर किया. उन्होंने कहा कि जब भारत सरकार ने सीमाओं को खोलना, ट्रेनों को शुरू करने और हवाई अड्डों को खोलने सहित लगभग सब कुछ खोल दिया है, तो ऐसे में लॉकडाउन का क्या मतलब रह गया है?

बता दें कि केंद्र और ममता बनर्जी सरकार में पिछले लंबे समय से विवाद जारी है. फिर चाहे वो पीपीई किट की सप्लाई हो, कोरोना मरीजों के आंकड़े छिपाने वाली बात हो, इंटरस्टेट ट्रांसपोर्टेशन हो या फिर केंद्र की तरफ से भेजी गईं इंटर मिनिस्टीरियल टीम हों, हर बार टकराव की स्थिति देखी गई.

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