फेक न्यूज मामले में यूट्यूबर मनीष कश्यप (Manish Kashyap) को बड़ी राहत मिली है. मदुरै कोर्ट ने यूट्यूबर मनीष कश्यप की जमानत याचिका को मंजूर कर लिया है. इसके साथ ही, बड़ी राहत देते हुए मनीष कश्यप पर लगाए गए NSA की धाराओं को भी हटा दिया है. मनीष कश्यप फिलहाल पटना के बेऊर जेल में बंद है. 18 मार्च 2023 को कुर्की-जब्ती की कार्रवाई के बाद उसने बेतिया में सरेंडर किया था.
यूट्यूबर मनीष कश्यप पर तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों के साथ कथित मारपीट का फेक वीडियो शेयर करने का आरोप है.
मनीष कश्यप की हिरासत के आदेश को मदुरै कोर्ट में चुनौती दी गई थी. जिसपर 10 नवंबर को सुनवाई हुई और कोर्ट ने कश्यप की जमानत याचिका को मंजूर कर लिया है.
इससे पहले यूट्यूबर मनीष कश्यप ने सुप्रीम कोर्ट में सभी केस को क्लब करके बिहार में सुनवाई की मांग वाली याचिका भी लगाई थी. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को नोटिस जारी कर पूछा था कि यूट्यूबर मनीष कश्यप के खिलाफ NSA क्यों लगाया गया? इस मामले में कपिल सिब्बल ने कोर्ट में कहा था कि उन्होंने प्रवासियों से हिंसा मामले में जो वीडियो बनाया था, वो राजनीतिक एजेंडे की तरह इस्तेमाल किए गए.
तमिलनाडु में 6 केस में नामजद आरोपी
तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों की कथित पिटाई का फर्जी वीडियो शेयर करने के मामले में तमिलनाडु पुलिस ने 13 केस दर्ज किए हैं. इनमें से 6 केस में मनीष कश्यप नामजद आरोपी है, वहीं पटना आर्थिक अपराध इकाई ने 4 केस दर्ज किए हैं, इनमें से 3 मामले में फर्जी वीडियो से जुड़े हैं.
18 मार्च को बिहार में किया था मनीष कश्यप ने सरेंडर
मनीष कश्यप ने 18 मार्च 2023 को जगदीशपुर थाने में सरेंडर किया था. उस वक्त उनके घर कुर्की करने के लिए EoU की टीम पहुंची हुई थी. उसी वक्त उन्होंने जगदीशपुर थाने में खुद को सरेंडर कर दिया, जहां से तमिलनाडु पुलिस ने उन्हें ट्रांजिट रिमांड पर लेकर मदुरै चली गई.
इधर, भगवा क्रांति सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष साध्वी प्राची ने मनीष कश्यप की जमानत याचिका मंजूर होने पर ट्वीट किया, ''बिहार की जीत हुई. शेर बाहर आने वाला है.''
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