अजान और हनुमान चालीसा के विवाद के बीच उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मेरठ (Meerut) में देवी जागरण को लेकर नया विवाद शुरू हो रहा है. विवाद की शुरुआत बीजेपी नेताओं और एसएचओ के बीच नोकझोंक से शुरू हुई और अब यह मामला तूल पकड़ता हुआ नजर आ रहा है.
इस मामले में दीपक शर्मा नाम के एक बीजेपी नेता और और सिविल लाइंस थाने के इंस्पेक्टर रमेश चंद्र शर्मा के बीच टेलीफोन पर हुई बहस सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. इस ऑडियो में जहां बीजेपी नेता दीपक शर्मा जागरण कराने पर अड़े हुए हैं, वहीं कानून और संविधान की दुहाई देते हुए सुनाई दे रहे सिविल लाइन्स SHO रमेश चंद शर्मा बिना अनुमति के जागरण कराने के पक्ष में नहीं दिखे.
क्या है पूरा मामला?
1987 में दंगों का दंश झेल चुके मेरठ के हाशिमपुरा इलाके में तेजपाल नाम के स्थानीय निवासी द्वारा मन्नत पूरी होने पर 2 मई को क्षेत्र में जागरण करने का आयोजन किया जा रहा था. नई परंपरा बताते हुए स्थानीय पुलिस प्रशासन ने अनुमति देने से मना कर दिया इसकी जानकारी होने पर बीजेपी नेता दीपक शर्मा और पिछले चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी रहे कमल दत्त शर्मा ने SHO रमेश चंद शर्मा से अपना विरोध जताया.
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही एक ऑडियो रिकॉर्डिंग में अनुमति न दिए जाने की बात पर बीजेपी नेता दीपक शर्मा चुनौती देते हुए नजर आ रहे हैं. जहां एसएचओ संविधान, नियम और मिश्रित आबादी में कानून व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की बात कर रहे हैं की बात कर रहे हैं वहीं ऑडियो रिकॉर्डिंग में दीपक शर्मा किसी भी कीमत पर जागरण उसी दिन और उसी क्षेत्र में कराने की जिद पर अड़े हैं.
एक और बीजेपी नेता कमल दत्त शर्मा और SHO रमेश चन्द्र शर्मा के बीच नोकझोंक का वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो में बीजेपी नेता कमलेश शर्मा और उनके साथियों से घिरे SHO शर्मा ने दो टूक अपना पक्ष रखते हुए कह दिया कि बिना अनुमति वह जागरण नहीं होने देंगे. इसका जवाब देते हुए बीजेपी नेता कमल दत्त शर्मा कहते हुए नजर आ रहे हैं कि पुलिस की अनुमति के बिना भी वह 2 मई की रात को यहां जागरण आयोजित करेंगे.
रमजान का महीना और बाकी त्योहारों के मद्देनजर सरकार ने पहले ही ऐलान कर दिया था किसी भी नई परंपरा को शुरुआत करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. जो धार्मिक आयोजन पहले से होते आए हैं सिर्फ उन्हीं आयोजनों को प्रशासन की अनुमति मिलेगी.
कमल दत्त शर्मा का रहा विवादों से पुराना नाता
विवादित बीजेपी नेता कमल दत्त शर्मा अक्सर इस सुर्खियों में रहते हैं. विवादों से चोली दामन का साथ होने के बावजूद बीजेपी ने उन्हें मेरठ शहर सीट से अभी हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में टिकट दिया था जहां वह समाजवादी पार्टी के रफीक अंसारी से हार गए थे.
इससे पहले भी कई सांप्रदायिक मामलों में कमल दत्त शर्मा बढ़ चढ़कर आगे रहे हैं ,जिसको लेकर उन उनकी एक कट्टरपंथी नेता वाली छवि बन चुकी है. इसी कड़ी में कई बार उनका स्थानीय पुलिस से भी तकरार होता है और मुकदमे भी दर्ज हैं.
बहरहाल, देवी जागरण पर हुए विवाद पर पुलिस की तरफ से सफाई देते हुए मेरठ के एसपी सिटी विनीत भटनागर ने कहा कि कोई भी कार्यक्रम जो गैर परंपरागत है या फिर जिस के आयोजन से कानून व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है, ऐसे आयोजनों की अनुमति नहीं दी जाएगी. साथ ही साथ एसपी सिटी भटनागर ने यह भी स्पष्ट किया कि कानून को अपने हाथ में लेने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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