स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) के दिन हुई हिंसक घटनाओं के बाद मेघालय की राजधानी शिलांग (Shillong) में पूरी तरह से कर्फ्यू (Curfew) लगा दिया गया है और राज्य के कई अन्य हिस्सों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं. राज्य सरकार ने एक आदेश जारी करते हुए कहा है कि यह कर्फ्यू 17 अगस्त तक लागू रहेगा. पूर्व विद्रोही नेता चेरिशस्टारफील्ड थांगख्यू की पुलिस की गोली से मौत के बाद से ही शिलांग के कुछ हिस्सों में अशांति है.
शिलांग के जाआव इलाके में रविवार,15 अगस्त की दोपहर अज्ञात लोगों ने मावकिनरोह पुलिस चौकी के एक पुलिस वाहन में आग लगा दी.हालांकि चौकी के प्रभारी अधिकारी सहित पुलिस वाहन पर सवार पुलिसकर्मी बाल-बाल बच गए.
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, आरोपियों ने पुलिस के हथियारों के साथ-साथ उस वाहन को लूट लिया और आग लगाने से पहले उसकी सवारी भी की.
विद्रोही नेता की मौत के बाद बढ़ी अशांति
पूर्व विद्रोही नेता चेरिशस्टारफील्ड थांगख्यू की उनके घर पर पुलिस छापेमारी के दौरान मौत के बाद से ही शिलांग के कुछ हिस्सों में अशांति है. थांगख्यू के परिवार ने उसकी मौत को “पुलिस द्वारा एक बेरहम हत्या” करार दिया है.
चेरिशस्टारफील्ड थांगख्यू के अंतिम संस्कार के जुलूस में आज सैकड़ों लोगों ने काले रंग के कपड़े पहने और काले झंडे लिए शिरकत की.
मुख्यमंत्री ने कही मजिस्ट्रेट जांच की बात
14 अगस्त को मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने कहा था कि राज्य सरकार विद्रोही समूह,हिनीवट्रेप नेशनल लिबरेशन काउंसिल के पूर्व नेता थांगख्यू की मौत की मजिस्ट्रेट जांच का आदेश देगी.
मुख्यमंत्री के आश्वासन और स्वतंत्रता दिवस होने के बावजूद रविवार ,15 अगस्त को कई लोगों को शिलांग की सड़कों पर काले झंडों के साथ लाइन में खड़ा देखा गया.लोगों ने थांगख्यू की मौत पर पुलिस और राज्य सरकार की निंदा की गई.कई लोग अपने घरों की छत पर तख्तियां लिए खड़े भी दिखे.
पुलिस का पक्ष
पुलिस के अनुसार, थांगख्यू ने भागने के प्रयास में उन पर चाकू से हमला किया जिसके बाद पुलिस ने उस पर गोलियां चलाईं.बता दें की गुरुवार,12 अगस्त की रात थांगख्यू के घर पर पुलिस ने छापा मारा था. पुलिस के अनुसार उनके पास इस बात का सबूत था कि वह लैतुमखराह में हुए एक विस्फोट में शामिल था.
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