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MP: कारम नदी पर बने कच्चे डैम के टूटने का खतरा,11 गांव खाली कराए-ट्रैफिक डायवर्ट

सोशल मीडिया पर डैम से सिपेज का विडियो वायरल होने के बाद अधिकारियों की नींद खुली, मौके पर मरम्मत का काम जारी है.

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मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के धार (Dhar) जिले में कारम नदी पर बने कच्चे डैम पर खतरा मंडरा रहा है. नालक्षा विकासखंड में कोठिदा गांव के पास मिट्टी बांध में रिसाव शुरू हो गया. इससे बांध की सुरक्षा खतरे में है. कच्चे बांध से रिसाव का वीडियो वायरल होने के बाद प्रशासन की नींद खुली. जिसके बाद पिछले दो दिनों से मरम्मत का काम जारी है. वहीं एहतियात के तौर पर 11 गावों को खाली करवाया गया है. इसके साथ ही आगरा-मुंबई हाईवे पर ट्रैफिक को भी डायवर्ट किया गया है.

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कोठिदा गांव के नजदीक भारूड़पुरा में 304 करोड़ की कारम मध्य सिंचाई परियोजना के तहत 100 करोड़ की लागत से डैम का निर्माण चल रहा है. इसके लिए मिट्टी बांध बनाकर पानी को रोका जा रहा था.

मिट्टी-मुरम से मजबूत कर रहे पाल

बांध में सिपेज रोकने के लिए स्थानीय तकनीकी टीम सहित भोपाल और अन्य स्थानों से विशेषज्ञों को बुलाया गया है. अभी तक की कवायद में मिट्टी-मुरम खोदकर बांध को मजबूती देने के प्रयास जारी है. इससे सिपेज को भी रोका जा रहा है. वहीं एक और बेस बांध के लिए खड़ा किया जा रहा है. तमाम प्रयासों के बीच बांध टूटने की खतरा बना हुआ. इसके मद्दे नजर निचले क्षेत्र के गांवों को खाली कराने के साथ लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है.

दो रणनीतियों पर हो रहा काम

प्रशासन की टीम दो अलग-अलग रणनीतियों पर एक साथ काम कर रही है. जहां पहली रणनीति के तहत बांध टूटने के जोखिमों को कम करने के लिए उसे मजबूती देने का प्रयास किया जा रहा है. वहीं दूसरी रणनीति में बांध पर पानी का दबाव कम करने के लिए अलग-अलग कटाव मार्गों से पानी को एक निश्चित मात्रा में लगातार रिलीज किया जा रहा है. इस तरह की कोशिशों से बांध पर पड़ने वाले पानी के दबाव को कम करके बांध टूटने की संभावनाओं को कम किया जा रहा है.

प्रशासनिक अधिकारियों ने किया मौका-मुआयना

गुरुवार को सिपेज की जानकारी सामने आने के बाद जिला कलेक्टर, एसपी सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने मौका मुआयना किया. कच्चे डैम से बहाव तेज होने के बाद प्रशासन ने अलर्ट घोषित करते हुए तुरंत ही मरम्मत कार्य के साथ ग्रामीणों की सुरक्षा का प्लान तैयार किया. इसी के तहत शुक्रवार को 11 गांव खाली कराए गए. बांध में रिसाव की खबरों से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. लोग जरूरी सामान और पशुओं के साथ सुरक्षित स्थान पर चले गए हैं.

मौके पर पहुंचे जल संसाधन मंत्री और उद्योग मंत्री

शुक्रवार को मामले की गंभीरता को समझते हुए जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट कोठिदा गांव में बांध की स्थिति का जायजा लेने के लिए पहुंचे. उन्होंने इस दौरान अधिकारियों से तकनीकी एवं की जा रही व्यवस्थाओं की जानकारी ली. मंत्री सिलावट के अलावा औद्योगिक नीति एवं निवेश मंत्री और बदनावर विधायक राजवर्धन सिंह दत्तीगांव भी मौके पर पहुंचे.

दत्तीगांव ने बताया कि अभी सब कुछ ठीक है. ऐहतियात के तौर पर ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है. उन्होंने बताया कि बांध में 15 एमक्यूएम पानी है. इसे रिलीज करना शुरु कर दिया है. प्रत्येक 24 घंटे में डेढ़ एमक्यूएम पानी रिलीज किया जाएगा. उन्होंने बताया कि करीब 30 क्रूज को खोल दिया गया है. 3-4 दिन में 5 एमक्यूएम पानी कम हो जाएगा.

वीडियो वायरल नहीं होता तो क्या होता?

सोशल मीडिया की भूमिका एक बार फिर सकारात्मक रूप में सामने आई है. दरअसल, मिट्टी बांध से पानी रिसाव का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. जिसके बाद इसके आधार पर मीडिया में खबरें प्रकाशित हुई और प्रशासन तक मामले की जानकारी पहुंची. यह विडियो यदि सार्वजनिक नहीं होता तो संभवत: सिपेज बढ़ सकता था और बांध टूट जाता.

100 करोड़ का डैम, 52 गांवों को लाभ

कारम नदी पर 304 करोड़ के मध्यम सिंचाई प्रोजेक्ट के तहत बनाए जा रहे पक्के बांध में कोई नुकसान नहीं हुआ है. बांध निर्माण के लिए पानी रोकने के लिए बनाए गए मिट्टी बांध में रिसाव से इस तरह की स्थिति बनी है. नदी पर पक्का बांध 100 करोड़ की लागत से बनाया जा रहा है. इसका लगभग 90 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है. इस परियोजना के पूरा होने के बाद 52 गांवों में 10 हजार 500 हैक्टेयर कृषि भूमि सिंचित हो सकेगी.

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