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मिशनरी स्कूल प्रिंसिपल को छेड़खानी में पकड़ा, छात्राओं के प्रदर्शन के बाद छोड़ा

Dindori, MP: मिशनरी स्कूल के चिल्ड्रेन होम में रहने वालीं 8 छात्राओं ने संचालक और शिक्षकों पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया

Published
राज्य
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मध्य प्रदेश के डिंडोरी (MP Dindori) जिले के एक मिशनरी स्कूल के चिल्ड्रेन होम में रहने वालीं 8 नाबालिग छात्राओं ने प्रिंसिपल-केयरटेकर समेत 4 पर मारपीट और छेड़छाड़ का आरोप लगाया है. जिसपर पुलिस ने IPC की धाराओं समेत पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया और प्रिंसिपल को गिरफ्तार किया. हालांकि प्रिंसिपल और अन्य के समर्थन में चिल्ड्रेन होम के अन्य बच्चे आए और इस कार्रवाई का विरोध करने लगे. उनका दावा है कि मिशनरी स्कूल के प्रशासन पुलिस ने गलत धाराएं लगाई हैं. जिसके बाद पुलिस ने प्रिंसिपल को फिलहाल नोटिस देकर छोड़ा दिया है.

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मध्य प्रदेश राज्य बाल आयोग टीम के निरीक्षण के दौरान मामला सामने आया. इस टीम के साथ जिले के बाल कल्याण समिति ,शिक्षा विभाग के अधिकारी एवं महिला बाल विभाग के अधिकारी भी थे. इसी दौरान बच्चियों ने यह आरोप लगाया.

क्या है पूरा मामला?

राज्य बाल आयोग के सदस्य अनुराग पांडे ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया है कि वे और उनके अन्य सदस्य ओमकार सिंह डिंडोरी जिला के समनापुर थाना क्षेत्र के गांव जुनवानी स्थित आश्रम- JDES उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के बालिका छात्रावास पहुंचे थे.

इस दौरान उनके साथ जिला शिक्षा अधिकारी, महिला बाल विकास विभाग टीम और बाल कल्याण की टीम थी. यहां जब बच्चों से बात की गई तो उनमें से कुछ ने आरोप लगाया कि उन्हें मारा-पीटा जाता है. साथ ही उन बच्चियों ने बताया कि उनके साथ छेड़खानी होती है. इसके अलावा उन्होंने खाने और रहने में होने वाली परेशानी की भी जानकारी दी.

आरोप लगाने वालीं 8 बच्चियां सामने आई है जो सभी नाबालिग हैं.

विषय की गंभीरता के देखते हुए महिला थाने में IPC की धारा 354,354 क(1),323,34 और पॉक्सो एक्ट की धारा 7, 8 तथा किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75, 82 के तहत FIR दर्ज की गई.

मामले की जांच के दौरान इसमें आरोपी प्रिंसिपल नान सिंह यादव को गिरफ्तार कर लिया गया था, वहीं अन्य 3 आरोपी- संचालक सनी, सविता व खेमचंद फरार थे.
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बच्चों का एक दूसरा गुट प्रिंसिपल के समर्थन में सामने आया

इसके बाद रविवार को डिंडोरी एडीएम, प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी व टीआई जब स्कूल पहुंचे तो उनका सामना बच्चों की एक बड़ी भीड़ से हुआ तो स्कूल प्रशासन के समर्थन में आए थे. बच्चों की मांग थी कि उनके प्रिंसिपल को छोड़ दिया जाए क्योंकि कथित रूप से उनके ऊपर गलत-गलत धारा लगाई गई हैं. साथ ही उनकी जिन साथी छात्राओं को पुलिस संरक्षण वाले वन स्टॉप सेंटर में रखा गया है उन्हें भी छुड़ाया जाए.

बता दें कि चिल्ड्रेन होम में किसी भी उत्पीड़न का आरोप लगाने वाले बच्चों को उनकी सुरक्षा और बयान दर्ज करने के लिए पुलिस संरक्षण वाले वन स्टॉप सेंटर में रखा जाता है.

गौड़वाना गणतंत्र पार्टी ने बीजेपी-RSS पर लगाया आरोप

गौड़वाना गणतंत्र पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राधेश्याम कोकड़िया की माने तो छात्रों की मांग पर पुलिस ने JDES के आरोपित प्रिंसिपल नान सिंह यादव को बच्चों के सुपुर्द कर दिया है. राधेश्याम ने बीजेपी और आरएसएस पर मिशनरी के खिलाफ कथित षड्यंत्र करने का आरोप लगाया है, ताकि आदिवासी बच्चे आगे न बढ़ सकें.

हालांकि बयान देने के दौरान कोकड़िया ने स्कूल का पक्ष लेते हुए 11वीं क्लास की नाबालिग छात्रा के चरित्र पर सवाल खड़ा करते हुए उसके नाम का जिक्र कर दिया.

इसके बाद राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के चेयरपर्सन प्रियांक कानूनगो ने एक ट्वीट करते हुए राधेश्याम कोकड़िया पर डिंडोरी बाल कल्याण आयोग के अध्यक्ष को धमकी देने और बच्चों का यौन शोषण करने वालों की मदद करने का आरोप लगाते हुए पुलिस से एफआईआर दर्ज करने की मांग की है.

पुलिस ने फिलहाल नोटिस देकर प्रिंसिपल को छोड़ा दिया है. मामले की जांच जारी है.

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