मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के गुना जिले के बमोरी स्थित शिव मंदिर में हुए तोड़फोड़ मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. एक शख्स ने ही नशे में आकर मंदिर की मूर्तियां क्षतिग्रस्त की थी. पुलिस ने आरोपी ग्यारसा को शनिवार (10 फरवरी) को गुना जिले के बमौरी से गिरफ्तार किया और पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि उसने ही घटना को अंजाम दिया था.
आरोपी ने घटना को क्यों दिया अंजाम?
गुना पुलिस ने कहा कि आरोपी ने पूछताछ में स्वयं के द्वारा मंदिर में मूर्तियों की तोड़फोड़ करना स्वीकार किया है. पूछताछ में आरोपी ने बताया कि भगवान से कई बार मांग करने के बाद भी उसकी शादी नहीं हो रही थी तो, जिससे वो काफी गुस्से में था.
"31 जनवरी की रात को उसने (आरोपी) ने बहुत अधिक शराब पी ली थी, जिससे नशे में उसे गुस्सा आ जाने से रात करीब 2 बजे उसने मंदिर के बाहर पड़ा पत्थर उठाकर भगवान शिवजी एवं नंदी की मूर्तियों पर पटक दिये थे, जिससे मूर्तियां टूंट गई थी."पुलिस प्रेस नोट
क्या है मामला?
मध्यप्रदेश के गुना जिले के बमोरी स्थित शिव मंदिर में 31 जनवरी और 1 फरवरी की रात में मंदिर में तोड़फोड़ का मामला सामने आया था. इस घटना में शिवलिंग को उखाड़कर मंदिर के बाहर फेंक दिया गया था और नंदी की मूर्ति के साथ भी तोड़फोड़ की गई थी.
7 लोगों पर संदेह के आधार पर कार्रवाई
घटना के बाद क्षेत्र में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया था. हिंदू संगठन के लोगों ने सड़क पर उतरकर चक्काजाम किया और आरोपियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की मांग की. मामले में पुलिस ने संदेह के आधार पर 7 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया और उनमें से 5 पर 151 के तहत कार्रवाई करते हुए जेल भेज दिया था, जिसमें अनवर खान, रईस, बफाती, जीशान और रेहान का नाम शामिल है.
5 लोगों को भेजा गया जेल
इस मामले में पुलिस ने सौरभ (24) की शिकायत पर एक फरवरी को FIR दर्ज की थी. फरियादी सौरभ ने शाहरुख, रिहान, बफाती, अनवर, जीशान, बिट्टू और रईस पर मंदिर की मूर्तियां तोड़ने का आरोप लगाया था.
वहीं, क्विंट हिंदी ने बात करते हुए गिरफ्तार किए अनवर खान ने कहा, "हम 7 लोगों के नाम लिए जा रहे थे, जिसमें से 5 लोगों को पुलिस ने हिरासत में लेकर 151 के तहत कार्रवाई की और जेल भेज दिया था. हम पांचों लोग 3 फरवरी तक जेल में रहे, पुलिस ने हम सभी से पूछताछ की, हमारी कॉल डिटेल रिकॉर्ड सब निकाली गई, हम लोग घर ही थे, फिर भी हम पर 151 के तहत कार्रवाई करते हुए हमें जेल भेज दिया गया."
"एक फरवरी को हमें एसडीएम के समक्ष पेश किया गया और दबाव में हम लोगों को जेल भेज दिया गया. दो लोग घटना वाले दिन यहां थे ही नहीं, जिसमें शारूख और बिट्टू का नाम शामिल है."अनवर खान
अनवर ने कहा, "जमानत के बाद से हम लोग बमोरी नहीं गए ताकि गांव की शांति व्यवस्था में खलल पैदा न हो. पुलिस ने अब असल आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है तो अब हम बमौरी चले जाएंगे."
अनवर खान ने बताया कि वह पत्रकार हैं, जबकि रईस किराने की दुकान चलाते हैं, बफाती की मुर्गे की दुकान है, जीशान 12वीं कक्षा का छात्र है और रेहान ड्राइवर है.
पुलिस ने क्या कहा?
बमोरी थाना प्रभारी अरविंद सिंह गौड़ ने कहा, "फरियादी संदेह किसी पर भी जाहिर कर सकता है. उनके नाम आरोपी में नहीं संदेही में लिखे गए थे, अब स्थिति क्लियर हो गई है, फाइनल चालान लगेगा तो जो आरोपी पाया गया है उसका नाम जुड़ जायेगा और बाकियों के नाम प्रकरण से हटा दिये जाएंगे."
इस मामले पर एएसपी मान सिंह ठाकुर ने कहा, "7 लोगों पर बॉन्ड ओवर के तहत कार्रवाई की गई थी ताकि विवाद न हो इसलिए पुलिस उक्त कार्रवाई पर कोई खेद नहीं जताएगी."
(इनपुट-अब्दुल वसीम अंसारी)
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