मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के धार जिले में गुरुवार, 15 मार्च को 'मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना' (MP Mukhyamantri Kanya Vivah Yojna) के तहत आयोजित सामूहिक विवाह स्थगित कर दिया गया. कन्यादान में सरकार की ओर से दी जाने वाली सामग्री की गुणवत्ता सही नहीं होने की वजह से समारोह को स्थगित किया गया है. एमपी में ऐसा पहली बार नहीं हुआ है. इससे पहले विदिशा जिले में अनियमितता का मामला सामने आया था. ऐसे में राज्य सरकार की ओर से चलाए जा रही 'मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना' पर सवाल खड़े हुए हैं.
धार में शादी क्यों हुई स्थगित?
धार जिले के जनपद पंचायत डही में 'मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना' के तहत सामूहिक विवाह समारोह होना था, लेकिन कन्यादान के रूप में सरकार की तरफ से दी जाने वाली सामग्री की क्वालिटी सही नहीं पाई गई. जिसके बाद अधिकारियों ने समारोह को स्थगित कर दिया. डही पंचायत की CEO कंचन डोंगरे ने जानकारी देते हुए बताया कि,
"सामग्री की गुणवत्ता सही न होने के चलते उच्च अधिकारियों के मार्गदर्शन में समिति के द्वारा निर्णय लेकर मुख्यमंत्री कन्यादान विवाह योजना को स्थगित किया गया है.. आगे विवाह समारोह की तारीख तय करके कार्यक्रम किया जाएगा."
डही में सामूहिक विवाह स्थगित होने के बाद खाली मंडप
(फोटो: क्विंट)
इसके साथ ही CEO ने बताया कि टेंडर प्रक्रिया जिला मुख्यालय से की गई थी. लिहाजा सामग्री की गुणवत्ता का परीक्षण भी वहीं से किया गया था. लेकिन मौके पर सही क्वालिटी की सामग्री नहीं मिलने पर कार्यक्रम स्थगित किया गया है.
कन्या विवाह योजना में अनियमितताएं
मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में लगातार अनियमितता देखने को मिल रही है. इससे पहले जनपद पंचायत मनावर में इस योजना के तहत जनप्रतिनिधियों द्वारा कन्यादान सामग्री का वितरण करवाया जा रहा था. इस बीच सांसद छतरसिंह दरबार ने सामग्री घटिया होने का मामला उठाया था. इसके बाद जनपद पंचायत मनावर के सीईओ पर कार्रवाई भी हुई. लेकिन दोबारा डही में इसी तरह के हालात देखने को मिले हैं.
सामूहिक विवाह के लिए लगाए गए थे स्टॉल्स
(फोटो: क्विंट)
इस मामले पर कुक्षी से कांग्रेस के विधायक पूर्व मंत्री सुरेंद्र सिंह हनी बघेल ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अधिकारियों के द्वारा मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में भ्रष्टाचार किया जा रहा है उन्होंने कार्यक्रम स्थगित होने पर इसको आदिवासियों का अपमान बताया.
इससे पहले भी इस योजना में अनियमितताएं सामने आ चुकी है. कोरोना काल में विदिशा जिले की सिरोंज जनपद पंचायत में मुख्यमंत्री कन्या विवाह और निकाह योजना के तहत 5,000 से ज्यादा शादियां करवाई गईं. 30 करोड़ से ज्यादा की राशि लाभार्थियों को बांटने का दावा किया गया. हालांकि, जांच में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचारा का खुलासा हुआ. योजना के नाम पर शादीशुदा बुजुर्ग, भाई-बहन और यहां तक की बच्चों की भी शादी करवा दी गई. मामले में जनपद के सीईओ सहित 3 लोग गिरफ्तार हुए थे.
विधानसभा में गूंजा मामला
मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना का मामला विधानसभा में भी गूंजा. महेश्वर से कांग्रेस विधायक विजयलक्ष्मी साधो ने योजना के तहत कन्यादान के रूप में नकली जेवर बांटने का मुद्दा उठाया था. जिसके बाद संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने जांच का भरोसा दिया था.
मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना का बजट
राज्य सरकार ने इस बार के बजट में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत आर्थिक सहायता में बढ़ोतरी की है. इस साल से प्रति युवती सहायता राशि 51 हजार से बढ़ाकर 55 हजार किया गया है. इसके लिए 80 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है.
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण मंत्री प्रेमसिंह पटेल ने बताया कि मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में अब तक 5 लाख 33 हजार से अधिक हितग्राहियों को लाभ मिला है. राज्य सरकार की ओर से इस योजना में अब तक 1,283 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं. वहीं मुख्यमंत्री निकाह योजना के तहत 55 हजार हितग्राहियों को लाभ मिला है.
सरकार और उसके मंत्री भले ही इस योजना के फायदे गिना रहे हों. लेकिन लगातार अनियमितताओं के मामले सामने आने के बाद से योजना सवालों के घेरे में है.
(इनपुट: अविनाश शर्मा)
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